पायल की छन छन मोहब्बत की लहरें…यूं मिल के समीर संग गुनगुनाने लगे हैं…हिना-ए-शबाब दिल को महकाएं मेरे…यूं चुप्पके से वो मेरे दिल में आने लगे हैं….है हाथों में कंगन की शोभा ताबानी..चमकती हो बिजली शाम सावन सुहानी…कानों के बुँदे जो हिलते अदा संग…मेरे दिल में आग वो लगाने लगे हैं…यूं चुप्पके से वो मेरे दिल में आने लगे हैं…लंबी चमकती ये माथे पे बिंदियामोहब्बत दिए की लौ बनने लगी है…ये नैनों के परदे खुले बंद हों जब..दिल मेरे को और भी धड़काने लगे हैं…यूं चुप्पके से वो मेरे दिल में आने लगे हैं…खिलता गुलाब सा ये महका बदन है…ऋतू बसंत जैसे उसका चलन है….चाँदनी नहाई यौवन के परिहन वो..दिले चन्दर कलियाँ चटकाने लगे हैं…यूं चुप्पके से वो मेरे दिल में आने लगे हैं…मदहोश हूँ मैं ख्यालो में उसके…यूं बिन पीये बिन पिलाये किसी के…ज़िक्रे हर बात मेरी में आ कर वो..चुप्पके मेरा दिल सहलाने लगे हैं…यूं चुप्पके से वो मेरे दिल में आने लगे हैं…आते ही उनके हैं फूल महक जाएँ..पवन गुनगुनाये पंछी चहचहायें…ज़मीं आसमान भी इशारों में जैसे…मेरे दिल को उसी पे रिझाने लगे हैं….यूं चुप्पके से वो मेरे दिल में आने लगे हैं…\/सी.एम्. शर्मा (बब्बू)
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Chupke se lafz aapke biti yadoon ke kisse yaad dilane lage………..bhuli Si yadoon se dhool hattane lage……kuch baat hai apke lafzo Mein ubki yadoon Mein jab bhi mile hame mahkane lage…….hahahaha……………lagta hai……karwacoth ke gift Mein kavita sunna denge aap tabhi likhi hai………bahut badiya sir…….
बहुत बहुत आभार…. मनीजी…थोड़ा सा सही…ज्यादातर गलत पकड़े हैं आप…हा हा हा….
बहुत ही बढ़िया ..?????Sir!!!
बहुत बहुत आभार….
Very nice…………..,Sharmaji .
बहुत बहुत आभार…. मीनाजी….
बहुत ही बेहतरीन……………. खुबसूरत रचना…….. शर्मा जी ।
बहुत बहुत आभार काजलजी…………
मेरे दिल को उसी पे रिझाने लगे हैं….
यूं चुप्पके से वो मेरे दिल में आने लगे हैं…
बहुत अच्छे श्री शर्मासाहब
सर बहुत बहुत आभार दिल से….
Marvellous. Full of romance.
बहुत बहुत आभार दिल से…….
प्रेम की गहराइयो को स्पर्श करती बेहतरीन रचनात्मकता स्वतः ही ह्रदय को आह्लादित कर जाती है ……………अति उत्तम सर्जन बब्बू जी !!
जोश में भर दिया आपने……तहदिल आभार…..
Very much heart touching sir
ऋतू जी…..आपकी प्रथम प्रतिकिर्या का अभिनन्दन दिल से….आप और गुणीजन के रचनाओं को भी नज़र करियेगा…… तहदिल आभार आपका बहुत बहुत….
bahut khoob sharma sahab.
बहुत बहुत आभार आपका………..
बहुत ही सूंदर कविता है आपकी बब्बू जी। बहुत खूब
तहदिल आभार आपका मंजूषाजी……….