**देशभक्ति का भाषण तब तक देशभक्ति को गाली है**
कंधे पर लाशों को रखकर दिनभर ढोता रहता है,
मरघट के वीराने में अब भारत रोता रहता है,
चौराहों पर मानवता की इज्जत लूट ली जाती है,
और हमारा सिंहासन दिल्ली में सोता रहता है,
इन्सानी आंखों ने जब तक ये बेशर्मी पाली है,
ये देशभक्ति का भाषण तब तक देशभक्ति को गाली है l
जब तक सरहद के रखवालों पर इल्जाम लगाया जायेगा,
और पत्थरबाजों के हक़ में इन्साफ़ सुनाया जायेगा,
जब तक आतंकी और पाक के झंडे घाटी में लहरायेंगे,
और तिरंगा चौराहों पर रोज जलाया जायेगा,
जब तक इन करतूतों पर सत्ता ने चादर डाली है,
ये देशभक्ति का भाषण तब तक देशभक्ति को गाली है l
कुदरत भी नामाफ़ ही करती गद्दारों के पापों को,
फ़िर तुमने कैसे माफ़ किया इन आस्तीन के सांपों को,
जब टीवी अखबारों में इनका महिमा मन्डन होता है,
तब साहस मिलता है इनके पाकिस्तानी बापों को,
गद्दारों के हिस्से जब तक संविधान की ताली है,
ये देशभक्ति का भाषण तब तक देशभक्ति को गाली है l
जहां मां की कोख में क्या है इसका पता लगाया जाता है,
और बेटी के पैदा होने पर शोक मनाया जाता है,
दु:शासन चौराहों पर उसे बेअस्मत कर देते हैं,
कभी दहेज की आग लगाकर उसे जलाया जाता है,
जब तक इन अंधियारों से वो स्वर्ण लालिमा काली है,
ये देशभक्ति का भाषण तब तक देशभक्ति को गाली है l
जब तक गोदामों पर बैठा भारत भूखा नंगा है,
और सियासत की गलियों में हर मसले पर दंगा है,
अन्न उगाने वाला जब तक भूख से मारा जायेगा,
जब तक हर विकास का दावा झूठा है, बेढंगा है,
हिन्दुस्तान की जब तक ऐसी हालत रहने वाली है,
ये देशभक्ति का भाषण तब तक देशभक्ति को गाली है ll
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-Er Anand sagar Pandey
बेहतरीन………..अति सुंदर कटाक्ष के भावों से सजाया है आपने.
मेरी एक रचना आपकी नज़रों और बहुमूल्य प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा में है “शराब (गजल)”. कृपया अपनी बहुमूल्य प्रतिक्रिया दें.
बहुत ही लाजवाब कटाक्ष आपका। आपकी प्रत्येक पंक्ति अपने आप में सन्देश प्रेरित कर रही है।
बेहतरीन…..बेमिसाल………जवाब नहीं आपका…..गुस्सा यह जायज़ है…..बिलकुल सत्य…
इस बेहतरीन रचना के लिए आपको भी ढेरों बधाई.
बेहतरीन आदरणीय जी, आकाश भर बधाई आपको
तीक्ष्ण कटाक्ष करती बेहतरीन रचना …………….!!
बिलकुल सत्या वचन … आपने इन विचारो को कागज मे उतार कर और उत्तम कर दिया॥
I agree and support each word and sentiments. Great write Anand
Bahut hi umda aur behtareen kavita
बहुत ही सुन्दर ……………
अति सुन्दर…… काश आपके ये शब्द वो भी पढें जिनकी आंखें बंद है। बेहतरीन………….. रचना ।