सब मिल पानी राखिये नहीं तो डगमाडोल
जो हालत है देश की बन जायेगी ढ़ोल।
बन जाइये तुलसी कबीर राखिये नीयति साफ
जग का जैसे हो भला गीरे न इसका ग्राफ।
कलियुग में कल्याण से बच पायेंगे लोग
नहीं तो लेकर डूबेगा माया ममता लोभ।
आधा जिनका ज्ञान है करते हरदम घात
पूरा ज्ञान महाकाल हरदम करता वारदात।
शैतानी दीमाग का अब मत पूछिये अपराध
जिधर चाह वहीं ढौर है जैसे कि जल्लाध।
ऐसे मन को राखिये मन विचलित न होय
प्रेम का पाठ पढ़ाइये दुर्जन के मन धोय।
सत्य सनातन कर्म से बनिये निब्ठावान
ज्ञान योग से धर्म योग योग ही मुक्ति ज्ञान।
खंजर तो एक अस्त्र है वस्त्र है उसका म्यान
योद्धाओं के शान का जो रखता हपदम ध्यान।
दिल का मिलना प्रेम है प्रेम ही पूजा ज्ञान
मन का मिलना धैर्य है दया धर्म सम्मान।
Writer Bindeshwar Prasad Sharma (Bindu)
D/O Birth 10.10.1963
Shivpuri jamuni chack Barh RS Patna (Bihar)
Pin Code 803214
Mobile No. 9661065930
सुंदर भाव…………..बहुत खूब………………..
Vijay sahab – aisha lag raha hai ki hamari mulakat aap se barshon bad ho rahi hai , dil bahoot ghabra raha hai , thanks.
बहुत ही बढ़िया लिखा है आपने।
Sitlesh jee very very thaks for your comments.
बहुत ही बढ़िया………….
Thanks sir jee , aap sab ki pratikriya hamare biswash ko taza karata hai.
आप हर कला के उस्ताद है आदरणीय, क्या खूब लिखा है।
एक दोहा एक पूर्ण कथ्य!
कृपया मेरी रचना सपने में रेल और प्यारी शरारत और हो जाती नजर करें….
Very very thank you sir — ek ek kar main rachna dekha raha haun sir jee.
खूबसूरत रचनात्मकता …….अति सुन्दर बिंदु !!
VERY VERY THANKS D K Sahab.
Full of facts………
very very thanks full sir.
Bahut bahut badiya..sir!!!
Reply ke liye bahut bahut sukriya.
बहुत ही बेहतरीन………….. लिखा है आपने बिन्दु जी ।
बहुत सुन्दर दोहे बिन्दु जी !!
Meena jee aap ki pratikriya ke liye bahut bahut aabhar.
Kajalsoni jee aapka bahut bahut sukriya.