प्यार तुमसे इतना था मुझे ,
होठों से जिसे मैं बता न सका ।
खामोशी तो बहुत थी इस दिल में ,
मगर आँखों से छुपा न सका ।
कोसता रहा ,
तेरे अरमान लिए बस तकदीर को ।
एक पल तुझे दुर न किया खुद से ,
सिने से लगाये रखा तेरी तस्वीर को ।
सिलसिला तेरी यादों का,
यु बढ़ता गया जिसे मैं जता न सका ।
पर इंतिहा तो देख मेरे यार ,
मेरे दर्द का,
नशीब ने लिख दी थी दुरीया ,
तो तेरी उड़ती हुई तस्वीर को भी मैं बचा न सका ।
“काजल सोनी “
Marvellous ………………..
आपका तहे दिल से शुक्रिया मधुकर जी ।
बेहतरीन……………………….. काजल जी
बहुत बहुत धन्यवाद आपका सुरेंद्र जी ।
Nice one…Thanks
दवे जी प्रोत्साहन देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आपका।
बहुत ही खूबसूरत। क्या बात। क्या बात। क्या बात।
शीतलेश जी बहुत बहुत धन्यवाद आपका।
काजल जी केवल एक अनुरोध है आपसे। Title थोड़ा change करें। इसे “नसीब” करें।
शीतलेश जी गलती बताने के लिए शुक्रिया ।
आपने मेरे शब्दो का मान रखा। इसके लिये सहृदय धन्यवाद।
धन्यवाद की आवश्यकता नहीं है शीतलेश जी प्रतिक्रिया तो इसी लिए दी जाती है कि आप गलती और अच्छाई
दोनों बता सके। धन्यवाद तो आपका।
बेहतरीन भाव……………….अति सुंदर……………….
विजय जी बहुत बहुत धन्यवाद आपका ।
bahut hi achchhey bhaw.
बहुत बहुत आभार आपका बिन्दु जी ।
बेहतरीन…………..
शर्मा जी तहे दिल से शुक्रिया आपका ।
धन्यवाद धन्यवाद
अत्यन्त सुन्दर रचना काजल जी !!
रचना पसंद करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आपका ।
Very very nice……………………………………………………………………………. ……….kajal ji…………………….
बहुत बहुत धन्यवाद आपका सुभाष जी ।
भावनाओ को जो लय दी है अंत में पूर्णतय निर्वाह किया ……….बेमिसाल काजल !!
आपके अमूल्य शब्दों से मुझे प्रोत्साहन देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आपका निवातिया जी ।
निश्छल प्रेम और इसकी नियति का सुन्दर भाव का चित्रण ,काजल जी।
डॉ विवेक जी बहुत बहुत धन्यवाद आपका ।
Bahut khoob ….. kajal ji
स्वाति जी रचना पसंद करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आपका।
Kaajal bahut hi umra rachna hai tumhaari. Bahut khoob
Umda hoga umra nahi
मंजूषा जी बहुत बहुत आभार आपका ।
गर्लफ्रेंड चालीसा