जाने ये हालात हमें कहाँ ले चले,
दो पल पास बैठो, ये दिल कुछ कहना चाहता है।
फासला मिटा दो आज मेरे महबूब,
ये शख़्स तुझमे डूबना चाहता है।
बहुत लम्हात तेरे बिन गुजारे,
अब तो मुझे खुद से मिला दो।
मैं खामोश हो जाऊ
उससे पहले मुझे आगोश में सुला दो।
रक़ीब की बाहों में मुझसे मेरा सनम देखा नहीं जाता अब,
मेरा क़त्ल कर दो सनम,
मुहब्बत मेरी ज़िन्दगी से चली जा रही है,
लगता है बागों से कोई कली जा रही है।
चली जा रही है,
कली जा रही है………………
बहुत बढ़िया विनोद जी……
thanks a lot,,,,,,,,,,,,
खुबसूरत………………………!
Nice expression of heart pain
बहुत बहुत धन्यवाद
sundar……………..
Ek muhhabat ki dastan bahut achchhey vinod jee.
अति सुंदर रचना है. एक बार शराब (गजल) पढ़कर अपनी बहुमूल्य प्रतिक्रिया दें.
nicely expressed of heart feelings .
बहुत बहुत धन्यवाद,,,,,,,,
Very Nice….Thanks….