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हिंद के वीर इनका सुनहरा जो इतिहास है
शौर्य पराक्रम से लडते देश का विश्वास है
घमंड दुश्मन का मिटाने तैयार है जवान
युद्ध में निपुण वीरता ही इनका लिबास है
पीठ पर फिर से दुश्मन ने किया वो वार
वीर की शहादत से पूरा देश आज उदास है
मत छेडना राग कभी मित्रता और अमन का
भूल जा कश्मीर को पूरी ना होनी तेरी आस है
हिंद की सेेना नहींं डरती अब निछावर है प्राण
मिलेगा तुझे जवाब पाक वही तेरा विनास है
अभिषेक शर्मा अभि
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आपकी इस रचना को मेरा शत-शत प्रणाम है। बहुत बढ़िया अभिषेक जी।
हार्दिक अाभार आदरणीय
बहुत खूबसूरत अभिषेक ……………!!
हार्दिक अाभार आदरणीय
अभिशेक जी ……बहुत सुंदर…..आपका मतलब समझ आ रहा है पर घात करता वो तुझ पर पंक्ति दुबारा देखिये….मुझे जो भाव उस पैंक्रि में चल रहे उसके विरोध में लग रहे ….उसपे अविश्वास है…. ठीक लगता है……
सादर नमन जी आदरणीय अब देखे बदलाव किया है
ओजपूर्ण रचना आदरनीय अभिषेक जी…………….
Bahut hi sundar… abhishek ji
बहुत ही सुंदर……………. अभिषेक जी ।
देश के वीरों की विशेषताओं को इंगित करती सुन्दर रचना अभिषेक जी !!
बहुत ही खूबसूरत पंक्तियाँ……………………………..
Very Nice….Thanks….