Homeशीतलेश थुलराज़ राज़ शीतलेश थुल शीतलेश थुल 21/09/2016 12 Comments फकत एक राज़ छिपा बैठा है, तेरे मेरे दरमियान, जो बड़ी ख़ामोशी से बढ़ा रहा है, तेरे मेरे दूरियाँ, ना जानू ना मैं, ना जाने ना तू, आखिर कैसी है ये, तेरी मेरी मजबूरिया… शीतलेश थुल Tweet Pin It Related Posts अकेलापन (बातें) “पैगाम” जागीर की जंग About The Author शीतलेश शैक्षणिक योग्यता :- आई टी आई (इलेक्ट्रॉनिक्स ), बी.ए (इतिहास), एम.ए (अंग्रेजी साहित्य), पी.जी.डी.सी.ए। व्यवसाय:- Relationship Manager in Sales & Marketing... 12 Comments Dr Swati Gupta 21/09/2016 Wah Sheetlesh ji… Kya baat kya baat!! Reply शीतलेश थुल 21/09/2016 बहुत बहुत धन्यवाद स्वाति जी। Reply shrija kumari 21/09/2016 क्या बात है शित्लेश जी,,,, बहुत खूब….. Reply शीतलेश थुल 21/09/2016 बहुत बहुत धन्यवाद श्रीजा कुमारी जी। Reply सुरेन्द्र नाथ सिंह कुशक्षत्रप 21/09/2016 बहुत खूब……………………………..! आदरणीय शितलेश जी Reply शीतलेश थुल 21/09/2016 बहुत बहुत धन्यवाद कुशक्षत्रप साहब। Reply अभिषेक शर्मा ""अभि"" 21/09/2016 अति सुन्दर आदरणीय Reply शीतलेश थुल 21/09/2016 बहुत बहुत धन्यवाद अभिषेक जी। Reply निवातियाँ डी. के. 21/09/2016 बहुत अच्छे शीतलेश ……………!! Reply शीतलेश थुल 22/09/2016 बहुत बहुत धन्यवाद निवातियाँ साहब। Reply Markand Dave 23/09/2016 Very Nice….Thanks…. Reply शीतलेश थुल 24/09/2016 Thank you so much Sir………….. Reply Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.
Wah Sheetlesh ji…
Kya baat kya baat!!
बहुत बहुत धन्यवाद स्वाति जी।
क्या बात है शित्लेश जी,,,, बहुत खूब…..
बहुत बहुत धन्यवाद श्रीजा कुमारी जी।
बहुत खूब……………………………..! आदरणीय शितलेश जी
बहुत बहुत धन्यवाद कुशक्षत्रप साहब।
अति सुन्दर आदरणीय
बहुत बहुत धन्यवाद अभिषेक जी।
बहुत अच्छे शीतलेश ……………!!
बहुत बहुत धन्यवाद निवातियाँ साहब।
Very Nice….Thanks….
Thank you so much Sir…………..