एक परिवार चौदह का था बन गया कितना छोटा
हम दो हैं और हमारे दो का रह गया कैसा कोटा
दादा दादी भाई भतीजा चाचा चाची बहन भौजाई
रिश्ते में तो बहुत है भइया दिल में कहा अच्छाई
छोटा परिवार सुखी परिवार नारा किया है किसने
बीच भंवर में सबको छोड़ा किनारा दिया है किसने
कितना अच्छा संयुक्त परिवार सब रहते थे खुसहाल
अलग होकर बिखर रहा अब क्यों नहीं करते ख्याल
घर का मुखिया एक अगर तो सब कुछ अच्छा होता
संस्कार आचरण ठीक रहा तो बच्चा भी सच्चा होता
माता पिता खुश होते हैं भइया दो रोटी और प्यार से
एक दिन तो सबको जाना है खाली हाथ संसार से
Writer Bindeshwar Prasad Sharma (Bindu)
D/O Birth 10.10.1963
Shivpuri jamuni chack Barh RS Patna (Bihar)
Pin Code 803214
Mobile No. 9661065930
बहुत बढ़िया और अच्छी अच्छी बाते आपने लिखा है आदरणीय बी पी शर्मा जी! आजकल संयुक्त परिवार की परिपाटी खत्म होने के पीछे सबसे बड़ा कारन हम दो हमारे दो भी है।
bahut bahut aabhar byakt karate huye bahut bahut sukriya.
Sir jee bahut bahut sukriya.
खड़ा गुम्बद नहीं होता” एक बार नजर करें आप
खड़ा गुम्बद नहीं होता – ish rachna ko maine bahut hi dhyan se padha tha aur hamney reply bhi di thi. thanks
खड़ा गुम्बद नहीं होता maine ish rachna ko padha bhi tha aur pratikriya bhi di thi.
“संयुक्त परिवार” ये शब्द तो केवल अब किस्से कहानियों में मिलने लगे है। और कवियों की कविताओं में। आने वाले पीढ़ी केवल इन्ही माध्यमो से “संयुक्त परिवार” को याद करेगी। बहुत खूब शर्मा जी।
Very very thank you sir for your comments.
Sitlesh jee aapka bahut bahut sukriya.
अति सुन्दर आदरणीय
Abhishek jee bahut bahut dhanyabad.
आपने सही कहा है पर आजकल जैसे व्यवसाय है या नोकरी के लिए सब को अलग अलग जाना पड़ता है…. उस से इस की महत्ता कम हो गयी है….
BABBU JEE VERY VERY THANKS.
बहुत ही सुंदर लिखा आपने……
kajalsoni jee bahut bahut sukriya.
आपकी रचना सामजिक मूल्यों पर आधारित होती है …………बहुत अच्छे बिंदु !!
THANK YOU VERY MUCH D K SAHAB. HAUSHLA BULANDI KE LIYE SUKRIYA.
Marvellous write Bindu ji
Madhukar sahab – very very thanks for your comments.
आपने सही कहा सर।संयुक्त परिवार का मजा ही कुछ ओर है।खास कर आपकी व दो पंक्ति’कितना अच्छा संयुक्त परिवार……………………… अब क्यों नहीं करते ख्याल’मुझे बहुत पसंद आई।और सर मै एक बात कहूँ, मैं अभी भी संयुक्त परिवार मे ही रह रही हूं।और बड़ी होने के नाते अभी तक उसे निभा रही हूं सर। आगे मुझे पता नहीं क्या होगा?आपकी रचना👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌