संभल जाओ अब पडोसी देश
बहुत अनदेखा तुम्हे किया,
हमारी शराफत का तुमने,
नाजायज फायदा बहुत उठा लिया,
तुमने कभी घुसपैठी से,
हमारे देश में आतंक फैलाया,
कभी धोखे और बेईमानी से,
हमारी पीठ पर वार किया,
हैवानियत का गंदा खेल खेलकर,
तुमने इंसानियत का खून किया,
हमारे देश पर गर अब तुमने,
आँख उठाकर भी देखा,
तो तुमको न छोड़ेगें,
तुम जैसे शैतानों के हाथों,
अब और कहर न होने देंगे,
भारत का हर एक बासी,
फिर से अस्त्र उठाएगा,
तुम्हे हर एक हिंदुस्तानी में,
देशभक्त नजर आ जायेगा,
जो तुम्हारी पाप की लंका को,
फिर से आज जलायेगा,
रावण राज का अंत होगा,
विश्व में चैन और अमन छा जाएगा।।
By:Dr Swati Gupta
बहुत खूबसूरत स्वाति …………….अब हर ह्रदय में ये जज्बा जगाना होगा !!
Thanks sir…sahi baat hai sir!!! Ab har hindustani ko ek jut hokar inko sabak sikhana hoga
Nice patriotic write Dr. Swati
Thanks a lot sir!!!
बहुत सुन्दर और सार्थक आदरणीया
Thanks a ton.. abhishek ji..
बहुत खूबसूरत……….
Lots n lots of thanks…sir
कुत्ते की दुम सदा टेढ़ी रहती है, नहीं सुधरने वाला……….
Sahi kaha sir… aapne…now we have to take action..
बहुत सुंदर कविता,,,,,,
कब तलक हम बस चेतावनी देते रहेंगे। आपके जज्बे को मेरा सलाम स्वाति जी।
Thanks in bunch… Sheetlesh ji!!
बहुत ही सुंदर रचना……… स्वाति जी ।