चुपके चुपके साजन मेरे दिल में चले आना
तेरे बगैर जाऊँगी मर दिल में चले आना
उजड़े ना संसार आजा आके तू बचाना
चुपके चुपके साजन मेरे दिल को चुराना
चुपके चुपके……………………………………………………. को चुराना
खेल ना तू खेल ऐसे ऐसे ना तडपाना
बनके तू मसीहा आजा ऐसे ना तरसाना
थम ना जायें सांसे मेरी नीदें ना उड़ाना
जाऊँ ना पिघल इतना पारा ना चढ़ाना
चुपके चुपके……………………………………………………. को चुराना
जीने की राहें आसान साजन कर जाना
करती हूँ दुआ रब तुझसे उसे लौटा जाना
मेरी बैचेनी को चैन साजन दे जाना
तेरे ही बस नाम अपना सब कुछ है लुटाना
चुपके चुपके……………………………………………………. को चुराना
प्यार ना ले बाँट कोई दूजी ना ले आना
बढ़ ना जाये दूरी इतनी दूर नही जाना
मन तो है ये प्यासा तेरा प्यास बुझाना
तुमसे है तक़दीर मेरी हमको ना भुलाना
चुपके चुपके……………………………………………………. को चुराना
“मनोज कुमार”
बहुत ही सुंदर गीत………….. मनोज कुमार जी ।
बहुत खूबसूरत गीत……….
सुन्दर गीत रचना ……………….बहुत अच्छे मनोज !