(नोट :- प्रशिक्षण में लेखक सहित 120 कर्मचारियों ने भाग लिया, जिनके नामों को पिरौते हुए यह कविता बनाई गई है)
शब्द नाम माला …… (1)
हरिनारायण हरिलाल हरफूल हरनिवास व हरिराम।
श्रीकृष्ण गोपाल जगमोहन करते यहीं विश्राम।।
श्याम मनोहर की छवि मनोहर देवेन्द्र नित निहारे ।
गणपत कैलाश पर्वत जाकर शिवचरण पखारे ।।
अशोक छोटू नरेन्द्र नित ध्यावत हनुमाना ।
रफीक दस नम्बरी को सब कोई पहचाना ।।
भरत जी सत्य पाल कर पूछे शील का हाल।
चलते-चलते कहीं भंवर में ना फंस जाए रामलाल।।
कौन सकरा कौन मकरा मोहन यह जानना टेढा काम।
पप्पी लाता राजेश तो अचरज करता परशुराम।।
रवि की रश्मि शीतल हुई चल रही पवन पुरवाई।
कौन हारा कौन विजय, किसने ‘फतेह’ पाई ।।
सुन्दर इस जगत को देख सुरेन्द्र मुस्काए।
राकेश नित करबध्द कर आरती गाए।।
शब्द नाम माला …… (2)
श्रीकृष्ण राधामोहन गोविन्द गोपाल नन्दकिशोर।
सुखदेव मोहन प्रसन्न हो कहलाते माखनचोर।।
अर्जुन रऊफ बाबू पर हुआ प्रेम प्रकाश।
बाबू बोदू राजेन्द्र ने किया हरि में विश्वास।।
भक्त प्रहलाद भक्ति करके हो गया अमर।
सुरेन्द्र ने ‘फतेह’ कर ली, जीत लिया समर।।
रामदेव को बिना योगेश मिलता नहीं चैना।
नोरतजी विश्राम है तुम तो सावधान रहना।।
शिव भरत बडे ज्ञानी, लोकेन्द्र टूआईसी का काम करता।
सूरज रोशनी देता है, देवता महेन्द्र आर.ओ. पानी भरता।।
शैतान नहीं शैतानी करता, सुरेन्द्र कहां शर्मिला है।
उदयभान भी है यहां, यहीं पर उर्मिला है।।
दिगम्बर होकर कमलकिशोर ने जला रखी है ज्योति।
चम्पा की डाली पर कली खिली, मिला सागर में मोती।।
शब्द नाम माला …… (3)
बृजमोहन मुरलीवाला कृष्ण प्यारा है बनवारी।
साक्षात् नारायण संग है, साथ है अर्जुन धनुर्धारी।।
जितेन्द्र मदन कालूराम ने जोर से जयकारा बोला।
अनिल कमलेश जय बजरंग संग है पंडितों का टोला।।
रमन पंकज संजीव महेश और हबीब खान।
सब प्रवीण अपने क्षेत्र के फख्र-ए-हिन्दुस्तान।।
हेमन्त ऋतु में परम आनन्द देते रामजी लाल।
कालू संग ओम, अवधेश का नातदार चन्द्र पाल।।
सुखराम के भाग कि रामचरण में आया।
संगीता सुनीता दीवान बनी, दीवान सूरजकरण भाया।।
महेन्द्र विमलेश दिलीप के ललाट पर आया पानी।
सम्पत संजय अजीत संग आए भाई भवानी।।
सब दीवानों की दीवानगी से माहौल हुआ खुशहाल।
इनके नामों को शब्दों में पिरौता है रामगोपाल।।
रामगोपाल सांखला ”गोपी”
bahut hi umda andaz apka…………………….
हार्दिक आभार
काश सभी मित्र आपकी रचना पढ़ पाए तो उन्हें खुसी होंगी
हार्दिक आभार
सर आपकी इच्छा का ध्यान रखते हुए सभी मित्रों को Whatsapp के माध्यम से यह रचना Send की गई है।
bahut chchhi tal mel ke sath ek sadhi hui rachna bahut khub.
हार्दिक आभार
साथियो के संग बीते पलो की यादो को शब्दो के माध्यम से संजोने अच्छा कार्य !!
हार्दिक आभार DK Sir
Nice poem Ram Gopal Ji
हार्दिक आभार Vivek Sir
Ha ha ha……bahut khoob……maja aa gaya….
हार्दिक आभार CM Saheb