बह्र -1222 1222 1222 1222
ज़माने में सफलता का अगर मकसद नहीं होता
यहाँ कोई गगन चुम्बी खड़ा गुम्बद नहीं होता।।
गरीबी को सदा क्यों कोसना यारो पता है जब
बड़े घर में हुए पैदा तो ऊंचा कद नही होता।।
जमाये पैर फौलादी जमीं पर जब भरोसा हो
रखे बस याद! हर कोई यहा अंगद नहीं होता।।
ये रुतबा सिर्फ तेरी ज़िन्दगी तक है अरे नादाँ
किसी का कब्र के अंदर कोई भी पद नहीं होता।।
नगर में टीन की छत है लगेंगे दाम पानी के
कुँए का नीर ठंडी छाँव का बरगद नहीं होता।।
अगर हो सीखना! तो नम्रता दिल में जरूरी है।।
जो है मगरूर यारों वो कभी अबजद नहीं होता।।
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सुरेन्द्र नाथ सिंह ‘कुशक्षत्रप’
Bahut hi sunder kavita hai sure mera ji aap ki aur sabse badi baat aap aaraam se ho kar bhi shuru Urdu misfit hi di likhtein hai varna mere Gauhati mein Hindi bhasha ke bahut ache achey anubhav hai.ji meri college education Gauhati University se hui hai
आपने गौहाटी यूनिवर्सिटी से पढाई की है। मतलब आप आसाम से किसी न किसी तरह ताल्लुकात रखती है।
जानकर खुसी हुयी मञ्जूषा mam
वैसे मञ्जूषा mam आप मूल रूप से कहाँ की है?
सर्प्रथम आपको नमन, आपने मेरी रचना पढ़ी और पसंद की। और इतने प्यार से हमे आशीष दिया।
हृदय तल से आभार
बहुत ही लाजवाब रचना। समाज को प्रेरित करती बहुत ही खूबसूरत रचना। आपकी रचनाये सदैव सन्देश भरी होती है। नमन है आपको मेरा कुशक्षत्रप साहब।
आदरणीय शितलेश जी बहुत बहुत धन्यवाद…………
बहुत खूब………………..
अंकित जी बहुत बहुत धन्यवाद……………
बहुत सुन्दर आदरणीय
आदरणीय अभिषेक जी कोटि कोटि धन्यवाद आपके प्रेम के लिए
bahut hi umda sir……………………
मनिंदर जी आपके प्यार के अतिशय धन्यवाद
मनिंदर जी कुछ और भी रचनाये आपके नजर करने को बेताब है
सभ्यता का पाठ पढ़ाती खूबसूरत प्रेरक रचना सुरेंद्र …………आपकी गहन विचारशीलता रचनाओ में नजर आती है !
आपको रचना पसंद आई, मेरी मेहनत सफल हुयी। आपको धन्यवाद निवातिया जी
सुरेंद्र जी आपकी रचना बहुत कुछ कह जाती हैं……… बेहतरीन ।
आद0 काजल सोनी जी बेहतरीन प्रतिक्रिया से मेरा उत्साह बढ़ना स्वाभाविक है। धन्यवाद आपको
Beautiful ………………………..
धन्यवाद…………………….. आपको आद0 शिशिर जी
लाजवाब………हमेशा की तरह……….
धन्यवाद आदरणीय श्री सी एम् शर्मा जी, आपकी प्रतिक्रिया मेरा उत्साह दुगुना कर देती है
Bahut badiya…………………sir
सुविअक्ना जी रचना पसंद करने हेतु अतिशय आभार
बहुत सुन्दर रचना सुरेन्द्र जी !!
बहुत बहुत धन्यवाद मीना जी, आपकी प्रतिक्रिया मेरा उत्साह कई गुना बढ़ा देती है।
खड़ा गुम्बद नहीं होता – I have read today and now it is very well.
बिंदु जी आपकी प्रतिक्रिया के लाइट कोटि कोटि आभार
वाह सुरेन्द्र जी एक यादगार ग़ज़ल जीवन को सीख देती हुई
ह्रदय तल से आभार भैया…………… सब आपलोगों की प्रेरणा
सुरेन्द्र जी आप बह्र पर इतनी खुबसूरत गजल लिखे, आपको मुबारक बाद
आदरणीय कुमार गौरव जी ह्रदय तल से आभार
सुरीली धुन पर बेहतरीन गजल……………… बधाई
आदरणीया जी ह्रदय तल से आभार आपकी प्रतिक्रिया के लिए
Very Nice…Sir jI….
धन्यवाद आदरणीय मार्कण्ड दवे जी………
अति सुंदर रचना l
धन्यवाद मनोज जी…………..
बहुत खुबसूरत…………………
ह्रदय तल से आभार……………….