सच का प्याला निरा कडवा लगे,
सरलता से उतरे ना कंठ के पार !
झूठ की गगरी अथाह मिष्टी भरी
स्वाद स्वाद में करे विषैला प्रहार !!
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निवातिया डी के [email protected]
सच का प्याला निरा कडवा लगे,
सरलता से उतरे ना कंठ के पार !
झूठ की गगरी अथाह मिष्टी भरी
स्वाद स्वाद में करे विषैला प्रहार !!
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निवातिया डी के [email protected]
आदरणीय वाह क्या कह डाला इन चंद लाइनों में——————-
आपके अमूल्य वचनों का धन्यवाद कमल जी…………….!!
सत्य वचन….., उत्तम सीख…….!!
धन्यवाद मीना जी …………………….!!
You have disclosed the reality of the life. thank you निवातियाँ डी. के. jee.
आपकी अमूल्य प्रतिक्रिया का ह्रदय से आभार डॉ विवेक …….!!
BAHUT KHUBSURATI SE IN DO PANKTIYON KO AAPNE EK KADWA SATYA MEIN SAJAKAR SAMAJ KE SAMNE PESH KIYA HAI . BAHUT KHOOB.
बहुत बहुत शुक्रिया बिंदु …………..अन्य रचनाओ पर भी आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है !!
very true words……………………..
Thank you very Much Mani ……….!
100 % सत्य …..पर न कड़वा खाता कोई…सहता भी नहीं हाँ कह ज़रूर देता….जो डबल हो के मिलता …..बेहद खूबसूरत .
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सत्य कहा अपने बब्बू जी ……………आपकी अमूल्य प्रतिक्रिया का बहुत बहुत धन्यवाद !!
सच कडवा होता है, सत्य वचन…………… आदरणीय श्री निवातियाँ जी
सत्य कहा अपने सुरेंद्र जी ……………आपकी अमूल्य प्रतिक्रिया का बहुत बहुत धन्यवाद !!
बहुत सही बात………….अति सूंदर……………………
बहुत बहुत धन्यवाद आपका विजय ……………….!!
कम शब्दों में भी कमाल की बात कही ………..
बहुत बहुत धन्यवाद आपका काजल ……………….!!
Bahut khoob likha hai Aapne..!!
बहुत बहुत धन्यवाद आपका प्रिंस ……………….!!
True line sir……
Thank You Very Much ………………!