क्यों काटे जाते है बकरे ?
समझ नहीं आता ये कहानी l
क्योकि अल्लाह नहीं मांगता
किसी बेगुनाह की कुर्बानी ll
इन बेजुबानो में भी
अल्लाह का रूप समाता है l
बंद करो ये ज़ुल्मों सितम
क्यों तू ये पाप कमाता है ll
हे अल्लाह के बन्दे
ईद है भाईचारे का त्योहार l
सिखाता है हम सभी को करो
बेजुबानो से भी प्यार ll
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लंबे अंतराल की मुलाकात पर बहुत खूबसूरत रचना. शुक्रिया.
राजीव जी आपकी बात से सहमत हूँ पर बलि प्रथा सिर्फ एक कौम में नहीं है। और बकरे सिर्फ एक वेग विशेष ही नहीं काटता
Rajiv , you have raised the correct issue .I agree