हर बार मेरी दुआ है रब से
तुझको मेने देखा है जब से
तु मिल जा मुझे
तु मिल जा मुझे
बहुत याद आते है वह दिन
जब तुम पास थे हमारी
नहीं जाती आँखों से अब
जो है याद तुम्हारी
तु ही है चाहत, तुझे ही प्यार किया है मेने
वादे निभा दे अब
जो किये थे तुमने
तु मिल जा मुझे
तु मिल जा मुझे
हर बार मेरी दुआ है रब से
तुझको मेने देखा है जब से
तु मिल जा मुझे
तु मिल जा मुझे
बहुत हुआ इंतजार अब तो तुम्हारा
बहुत ही दर्द बढ़ रहा है हमारा
दिल कि जिद है अब तो मान ही जाना
जहाँ हो वहां से तुम लौटकर ही आना
तु मिल जा मुझे
तु मिल जा मुझे
हर बार मेरी दुआ है रब से
तुझको मेने देखा है जब से
तु मिल जा मुझे
तु मिल जा मुझे
कवि: स्मित परमार
आणंद गुजरात
सुंदर है………….
Beautiful……………………