गणपति जी जा रहे हो तुम,
पर इतना वादा करते जाना,
अगले वर्ष तुम जल्दी आना,
तेरे बिन सूना लगेगा ये सारा जमाना,
तेरे यहाँ होने से मन को मिला सुकून था,
अनोखी सी कशिश थी तुममें,
जिससे आनन्दित हुआ मेरा मन था,
नाचते गाते हमने ये दिन बिताये,
तेरे आने की ख़ुशी में,
हमने सारे दुःख बिसराये,
रोम रोम पुलकित था मेरा,
हर तरफ तुम ही तुम नजर आये,
कैसे रह पाएंगे तुम बिन,
यही सोच कर दिल ये घबराये,
अगले वर्ष फिर आओगे तुम,
यही आस अब इस मन में लगाये,
नम आँखों से विदा कर रहे हैं तुमको,
आप भी अपना वादा निभाओगे,
अगले वर्ष फिर आओगे,
अपने भक्तों के जीवन में,
फिर से वही खुशहाली ले आओगे।।
By:Dr Swati Gupta
गणेश भक्ति में आपने सराबोर कर दिया
Very nice, good thought
विघन हर्ता
खुशहाली भरना
कृपा करना
सुन्दर गणेशोत्सव की शुभकामनाएं
बेहद भक्ति पूरण विदाई……..
बहुत ही सुंदर स्वाति जी ।
Beautifully written Dr. Swati
गणपति जी को समर्पित भक्ति भाव से भरी आपकी रचना लाजवाब है। गणपति बाप्पा मौर्या।
पूर्णतया भक्तिमय रचना ……………अति सुन्दर स्वाति ……….. श्री श्री गणपताये: नमः : !!