“कलियुगी अमृत”
काट रहा शराब का कीड़ा
दे रहा है बहुत पीड़ा
आज के नौजवान
होने के लिए तृप्त
पी रहे है कलियुगी अमृत
कर रहे है सेहत खराब
देश को कर रहे बर्बाद
मानसिकता हो रही घृणित
जब पीते है कलियुगी अमृत
पीते है जब जाम
दिमाग नहीं करता काम
उल्टे-सीधे हरकत करके
पिटते है जब बाजारों में
तब लगाते है झंडु बाम
जो है शराब के आदी
उसकी तो होगी बर्बादी
ना रहेगी इज्जत
ना रहेगा परिवार
सब करेंगे तिरस्कार
व्यर्थ है उसका जीना
इस दुनिया में
जो होने के लिए तृप्त
पीते है कलियुगी अमृत |
पियुष राज , दुधानी, दुमका |
सत्य वचन…………………
बहुत सही और सत्यपरक…………
बिल्कुल सही फरमाया है आपने……………. ।