(हमारे जीवन में माता और पिता दोनों का सम स्थान होता है अक्सर माँ के प्रति हमारी ह्रदय अभिव्यक्ति बरबस ही उत्पन्न हो जाती है, वरन पिता के प्रति बहुत कम रचनाये सामने आ पाती है, इसी परिपेक्ष्य में पूर्व में कुछ शब्द संयोजन कर भावो को दर्शाने के प्रयास किया था, जिसे आपके साथ साझा कर रहा हूँ आशा है आप सब रसास्वादन कर कुछ अनुभूति कर पाएंगे !!)
–::—पिता–::—
पिता नहीं परमेश्वर कहो जीवन का आधार है जो !
शाखा फूल पत्तिया हम, जीवन का करतार है वो !!
दुःख में सुख की छाया बन कष्टो का करे निवारण जो !
खुद तपस में झुलसता,बन सुख का असली कारक वो !!
बचपन में घोडा बन जाता, बिठा पीठ हमे सैर कराता जो !
उठ-उठ के जब गिरते हम, हाथ पकड़ चलना सिखाता वो !!
बेटी का बाबुल है और पुत्र के लिए ब्रह्मास्त्र है जो !
सुहागिन का श्रृंगार बने,मैया कहे मेरा भरतार है वो !!
तपते सूरज की गर्मी में संग संग चलता जाता जो !
छुपा अपने बदन की ओट में उस से सदा बचता वो !!
वर्षा से टपके छत, रातभर जाग मेरे लिए मुस्काता जो !
टूटी झोपडी, भाड़े की खोली में चैन की नींद सुलाता वो !!
जाड़े की कड़क सर्दी में अपनी फटी चादर में छुपता जो !
मौसम के संग रुत सजाता है, हर हाल में हमे बचता वो !!
प्रेम का सागर, जीवन रक्षक, हमारे लिए भगवान है जो !
जीवन अर्पण कर दे सारा, फिर भी न सुख बोध पाता वो !!
जीवन प्रयन्त हमारे लिए नित-२ असीम कष्ट उठाता जो !
वृद्धावस्था में फिर क्यों,हमारी एक झलक को तरसता वो !!
हम उसके चरणो की धूलि, जन्म का सूत्रधार है जो !
उनके सदैव ऋणी रहेंगे, हर घर का सुख संसार है वो !!
जन्म जन्म बलिहारी जाऊं, में कैसे कर्ज से मुक्ति पाऊं !
शीश नवाता हूँ एक बार, बदले में कोटि आशीष पा जाऊं !!
कब समझोगे कीमत उनकी, जीवन में अनमोल है जो !
बेसहारा-अनाथ है इंसान जिनके शीर्ष उनका हाथ न हो !!
पिता नहीं परमेश्वर कहो जीवन का आधार है जो !
शाखा, फूल, पत्तिया हम, जीवन का करतार है वो !!
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!____डी. के. निवातियाँ ____!
bahut hi uttam sir……………
Thank you very Much Mani ………..!
Beautiful thoughts ……………
Thank you very Much SHishir Ji ………..!
निवातिया जी….. ये रचना आपकी बेहतरीन रचनाओं में से एक है
बहुत ही सुंदर……. मन को भावुक करते वाली रचना ।
मनुष्य के जीवन में माता जन्म देने वाली तथा पिता
पालन करने वाले हैं। दोनों का स्थान परमेश्वर स्वरूप है।
आपका कथन यथोचित है ………………आपके अमूल्य वचनों का ह्रदय से अभिवादन काजल एव आभार आपका !!
आदरणीय श्री डी के निवातिया जी आपके अंतःकरण से जो पिता के लिए शब्द फूटे है उसे हम आह्लादित है। नमन आपको निवातिया जी
रचना ने आपके अन्तःकरण को छुआ यही हमारे लिए हर्ष का विषय है ……………आपकी अमूल्य प्रतिक्रिया के लिए कोटिश धन्यवाद सुरेन्द साहब आपका !!
बेहतरीन रचना निवातियाँ जी !!
आपकी अमूल्य प्रतिक्रिया के लिए कोटिश धन्यवाद मीना जी आपका !!
.अति उत्तम सृजन आदरणीय
आपकी अमूल्य प्रतिक्रिया के लिए कोटिश धन्यवाद अभिषेक आपका !!
अति उत्तम ……………….. अति सुन्दर …………….रचना ……………. निवातिया जी
आपकी अमूल्य प्रतिक्रिया के लिए कोटिश धन्यवाद मनोज आपका !!
सर मैंने रात को मोबाइल पे पढ़ ली थी…मोबाइल पे लिखने में दिक्कत होती मुझे…. आपकी हर रचना में आपकी सोच को आपकी कलम शब्दों में निखारती है…वो अलग ही है…..साहित्यक दिल की पहचान ही यह है…मैं किसी विधा को नहीं जानता हूँ कोई ज्ञान नहीं साहित्य का हाँ इतना कहता हूँ की आपका हर शब्द दिल को छूता है जिस ढंग से आप उसको सजाते हैं….सजाना एक कला है…भाव बिना सजावट धोका होती है….आप के भाव और सजावट का तालमेल कमाल का है….जो भाव दिल तक ना पहुंचे वो भाव ही कैसे….नमन आपकी रचना…आपके भावों को……जैसे माँ बाप के आगे हर शब्द छोटा है…ऐसे ही आपकी रचना की प्रशंसा में हर शब्द छोटा है…कोई बढ़ा चढ़ा के नहीं कह रहा…जो दिल में वही कह रहा……….जय हो…..
आपके अमूल्य वचनों का हार्दिक अभिनन्दन बब्बू जी ……………..आपकी विस्तरात्मक प्रतिक्रिया के लिए ह्रदय से आभार एव बहुत बहुत धन्यवाद आपका !!
बहुत ही खूबसूरत सजीव चित्रण प्रस्तुत किया है आपने। काजल जी ने सत्य कहा “माता-पिता परमेश्वर स्वरूप है”…………. आपकी इस रचना को मेरा कोटि कोटि प्रणाम है।
ऊर्जा से परिपूर्ण आपकी खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत धन्यवाद शीतलेश ………………..!!
आदरणीय श्री डी के निवातिया जी………..भावुक करने वाली रचना । अति उत्तम सृजन ।
ऊर्जा से भर देने वाली आपकी खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत धन्यवाद कमल जी ……………!!
निवितिया साहब कमाल कर दिया इतने सुंदर शब्दो से जो सच्चाई बयान की है वो काबिले तारीफ है l अति सुंदर रचना l
आपके खूसूरत वचनों का तहदिल से शुक्रिया राजीव जी !!
बहुत ही खूबसूरत रचना………………………………….
आपके खूसूरत वचनों का तहदिल से शुक्रिया विजय जी !!
निवितिया साहब कमाल कर दिया इतने सुंदर शब्दो से जो सच्चाई बयान की है वो काबिले तारीफ है l अति सुंदर रचना l
आपके खूसूरत वचनों का तहदिल से शुक्रिया राजीव जी !!
Kmaal hai sir……………. 🙂
THANK U VERY MUCH ……
Dil ko chhu gaya,, aapke likhe har-ek shabd…………….bht khubsurti ke saath likha appne,…aapko salute .
Thanks for your valuable comments……………..!
Bahut badhiya sir……………………
Shukriya…………………………………..!!
निवातीयाँ जी आपकी कविता ने पचपन की याद दिला दी . बहुत खूबसूरती से कविताको सजाया है पिता का स्थान सबसे ऊपर होता है ,माँ ममता बरसाती है तो पिता अपने बच्चों के लिए दिन रात एक करता है ताकि उनके बच्चों की लाइफ़ में कोटे कमी ना रह जाए ,,बहुत ही दिल को छूने वाली कविता है ,जितना भी कहा जाए काम है लस सुंदर कविता के लिए आपको बहुत २ बधाइयाँ
किरण जी आपकी ह्रदय में उत्साह भर देने वाली अमूल्य प्रतिक्रिया का तहदिल से शुक्रिया एव कोटि कोटि आभार !!
Dil ko choo gayi
शुक्रिया सुनील आपका ………….!!
Very beautiful line …..describing the downfall of values and morality…
खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत शुक्रिया श्याम आपका ………….!!
Sir…..bahut bahut aur bahut hi khoobsurat Rachna…
तहदिल से शुक्रिया आपका स्वाति जी !!
namaste sir,
apki yeh rachan bahut khoobsurat hain.
रचना नजर कर अमूल्य प्रतिक्रिया के लिए ह्रदय से आभार आपका !!
हम उसके चरणो की धूलि, जन्म का सूत्रधार है जो !
उनके सदैव ऋणी रहेंगे, हर घर का सुख संसार है वो !
धन्यवाद सर जी…मातापिता का ऋण कोई नहीं चुका सकता…
आपके अमूल्य वचनों का कोटि कोटि धन्यवाद द्वे जी …..आपने हमारी विनती को गंभीरता से लेते हुए अपना अमूल्य समय दिया उसके लिए हम आपके आभारी है !!
BAHUT HI MARMIK DRISTIKON SE BILKUL SADHI HUI KAVITA, WAH.
आपके अमूल्य वचनों का कोटि कोटि धन्यवाद बिंदु ..!!
आपकी प्रथम प्रतिक्रिया का अभिनंन्दन है निवेदिता ……….आपने रचना को पसंद किया इसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद … आशा है आगे ही उत्साह वर्धन करती रहेंगी !!
बहुत ही खूबसूरत सजीव भाव…
कपिल रचना नजर कर अमूल्य प्रतिक्रिया व्यक्त करने का हार्दिक धन्यवाद आपका !!
Iss tarah ka description maa pe suna or padha tha …. Pita ka jo vivran aapne kiya hai shandar hai ye.
रचना पसन्द कर अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया देने के लिए बहतु बहुत धन्यवाद पल्लवी जी !!
साहित्य के सरताज़ हैं आप l
बहुत खूबसूरत लिखा है आपने l
बेशकीमती वचनों का आभार व् बहुत बहुत धन्यवाद आंनद आपका !!
बहुत ही अच्छा लिखा है सर……..
रचना नजर कर पसंद करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आपका ऋचा जी ….अन्य रचनाओं पर भी अपनी अमूल्य प्रतिक्रिया दे तो प्रसन्नता होगी !
बहुत ही अच्छा लिखा है पिता के बारे में. बहुत खूब ……..
रचना नजर कर पसंद करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आपका गायत्री जी ….अन्य रचनाओं पर भी अपनी अमूल्य प्रतिक्रिया दे तो प्रसन्नता होगी !
उत्साहवर्धन के लिए सभी सम्मानित जनो का तहदिल से आभार एवं बहुत बहुत धन्यवाद !!