कही मिले तो थोड़ा सा ईमान खरीद लाना !
सुना है दिल के कारोबार में बेईमान बहुत है !!
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डी. के. निवातियाँ [email protected]
कही मिले तो थोड़ा सा ईमान खरीद लाना !
सुना है दिल के कारोबार में बेईमान बहुत है !!
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डी. के. निवातियाँ [email protected]
lovely…………………..
बहुत बहुत धन्यवाद आपका शिशिर जी !
बहुत ही सुन्दर आदरणीय
बहुत बहुत धन्यवाद अभिषेक आपका !
सही कहा आपने……..बेहद खूबसूरत………..
बहुत बहुत धन्यवाद आपका बब्बू जी !
सर पुरानी चीज है बंद हो गयी अब उसका नया version बेईमानी आ गयी है. अब बाजार में उसी का चलन है. बहुत सूंदर……………………
तहदिल से शुक्रिया विजय आपका………. आप जिस और इंगित करना चाहते है उसका आशय समझ आ रहा है……मैंने बेईमानी की अपेक्षा बेईमान ज्यादा उपयुक्त समझा क्योकि बेईमानी के जन्दाता बेईमान होते है !!
आशा करता हूँ तर्क संगत होगा…….इसी तरह प्रतिदर्शक दृष्टि से अनुग्रहित करते रहे …..पूण: ह्रदय से आभार आपका !!
Bahut hi sundar ….gagar mei saagar…Sir!!!!
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आपकी उत्साहवर्धन करती खूबसूरत प्रतिक्रिया का कोटि कोटि धन्यवाद !!
दिल के दर्द को आपने उकेरा क्योकि ईमान तो अब किताबो और कथा कहानियो में सिमट सी गयी है।
चाहता हर कोई इमान है पर मिलती नहीं क्योकि किसी एक पलड़ा उच हो गया है।
आपकी यह रचना खुबसूरत पर हम चाहेंगे की इस पर आप कुछ बड़ी रचना करें
आशा है जल्द बड़ी रचना मिलेगी
आपकी उत्साहवर्धन करती खूबसूरत विचारो का ह्रदय से आभार सुरेंद्र ….. कोटि कोटि धन्यवाद आपका, आपका सुझाव विचारणीय है कोशिश की जा सकती है !!
क्या बात है। बहुत बढ़िया …………………निवातियाँ साहब।
बहुत बहुत धन्यवाद शीतलेश आपका !!
बहुत ही उम्दा शेर ………..
लाजवाब !!
तह दिल से शुक्रिया अनुज !!