शायरी
१. मेरे दिल मे उसकी फिक्र आज भी है
हालाँकि उसको मेरी खुदा से दुआ का शक आज भी है
बहुत बार हमारी आँखें हुई आमने-सामने
उस आँखों मे मोहब्बत का इंतजार आज भी है
२. जब हमारी आँखें आमने-सामने होती है
पता नहीं तेरा दिल क्या समझता है?
पर जब हमारी आँखें आमने-सामने होती है
मेरा दिल मोहब्बत जरूर समझता है
कवि: स्मित परमार
आणंद गुजरात
पहला शेर अच्छा है………..
सुंदर भाव………
nice write……………………..