मेरे घर को बाँट दिया
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मेरे घर को बाँट दिया है, धर्म के कुछ ठेकेदारो ने !मातृभूमि से छल किया है, वतन के ही गद्दारो ने !!
नेताओ को धनाढ्य बना दिया हैबेशुमार वेतन -भत्तो के नोटों नेराजनीति का बंटाधार किया हैलालच और नासमझी के वोटो नेदोष किस – किस को दें यंहा परजब छल किया सत्ता के भुखमरों ने !
मेरे घर को बाँट दिया है, धर्म के कुछ ठेकेदारो ने !मातृभूमि से छल किया है, वतन के ही गद्दारो ने !!
कोई लगाता चाय की दूकानकोई खटिया पर बैठ चौपालजनता बन मुर्ख तमाशा देखेगरीबो का हाल हुआ जाता बेहालराजनीति का ऐसा खेल रचा हैजवानों को मरवाया इन बेदर्दों ने !!
मेरे घर को बाँट दिया है, धर्म के कुछ ठेकेदारो ने !मातृभूमि से छल किया है, वतन के ही गद्दारो ने !!
कभी कश्मीर तो कभी उत्तर प्रदेश,कभी बिहार व बंगाल जले दंगो मेंसक्षम बैठे वातानुकूलित कमरों मेंबेबसों के आवास उजाड़े हुड़दंगो नेसदियों से चली आयी यही रीत पुरानीपीठ में खंजर घोंपे है सदा घनिष्ठ यारो ने !!
मेरे घर को बाँट दिया है, धर्म के कुछ ठेकेदारो ने !मातृभूमि से छल किया है, वतन के ही गद्दारो ने !!
जाती धर्म का बीज बोया बैर बढ़ाने को हवा पानी रोज़ देते तेज़ी से उपजाने को हिन्दू-मुस्लिम जो साथ में मिल जाते हलचल मचती सत्ता के गलियारों मेंइनकी दाल रोटी का सस्ता साधन है जिसे जमकर भुनाया है इन गदारो ने
मेरे घर को बाँट दिया है, धर्म के कुछ ठेकेदारो ने !मातृभूमि से छल किया है, वतन के ही गद्दारो ने !!
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Rajniti par kada prahar मेरे घर को बाँट दिया है, धर्म के कुछ ठेकेदारो ने !
मातृभूमि से छल किया है, वतन के ही गद्दारो ने !! bahut umda………
रचना को नजर कर अपनी अमूल्य प्रतिक्रिया देने के लिए आपका हृदयतल से आभारी एवं कोटिश धन्यवाद …………… BINDU JI.
Behtreen vyang rachnaa Nivatiya ji. Sachchai se paripoorn………
रचना को नजर कर अपनी अमूल्य प्रतिक्रिया देने के लिए आपका हृदयतल से आभारी एवं कोटिश धन्यवाद …………… SHISHIR JI.
बहुत ही सुंदर…….. आज की सच्चाई को बयां करती….
बेहतरीन……. और लाजवाब रचना……
रचना को नजर कर अपनी अमूल्य प्रतिक्रिया देने के लिए आपका हृदयतल से आभारी एवं कोटिश धन्यवाद …………… KAJAL Ji.
Bahut hi sundar rachna…Nivatiyaji…aap bahut achha likhte hai….
रचना को नजर कर अपनी अमूल्य प्रतिक्रिया देने के लिए आपका हृदयतल से आभारी एवं कोटिश धन्यवाद …………… ANU JI.
samajik sarokar se sambandhit sundar kavita ….
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रचना को नजर कर अपनी अमूल्य प्रतिक्रिया देने के लिए आपका हृदयतल से आभारी एवं कोटिश धन्यवाद …………… MADHU JI.
Bht hi sundar kavita. Ek kavita jism srf sachhai h aaj k desh ki.👍
रचना को नजर कर अपनी अमूल्य प्रतिक्रिया देने के लिए आपका हृदयतल से आभारी एवं कोटिश धन्यवाद …………… SHABNAM JI.
Very nice……….
रचना को नजर कर अपनी अमूल्य प्रतिक्रिया देने के लिए आपका हृदयतल से आभारी एवं कोटिश धन्यवाद …………… MANOJ KUMAR
समाज में व्याप्त विसंगतियों पर कटाक्ष करती उम्दा रचना .
रचना को नजर कर अपनी अमूल्य प्रतिक्रिया देने के लिए आपका हृदयतल से आभारी एवं कोटिश धन्यवाद …………… MEENA JI.
हर कोई अपनी रोटी सेक रहा बस…..हम जानते हुए भी या तो चुप्प रहते है या हिंसा बन जाते….बेहतरीन कलम से बेहतरीन कटाक्ष….सचाई का आईना दिखाती….काश सब अपनी असलियत आईनें में पहचानें….
रचना को नजर कर अपनी अमूल्य प्रतिक्रिया देने के लिए आपका हृदयतल से आभारी एवं कोटिश धन्यवाद …………… BABBU JI.
कलम ने तलवार को धार दे दी है,
फिर से एक क्रांति उधार दे दी है.
रचना को नजर कर अपनी अमूल्य प्रतिक्रिया देने के लिए आपका हृदयतल से आभारी एवं कोटिश धन्यवाद …………… VIJAY JI.
मेरे घर को बाँट दिया है, धर्म के कुछ ठेकेदारो ने
very true
रचना को नजर कर अपनी अमूल्य प्रतिक्रिया देने के लिए आपका हृदयतल से आभारी एवं कोटिश धन्यवाद …………… RAQUIM ALI. pls. read my another post also.
Aap hamesha hi Jamaal likhte hai….WO bhi desh aur samaaj se juda hua……shabdo ko bhaav to aap gazab dete hai ……salaam aapko aapki lekhni ko ….
रचना को नजर कर अपनी अमूल्य प्रतिक्रिया देने के लिए आपका हृदयतल से आभारी एवं कोटिश धन्यवाद …………… SHYAM TIWARI.