लालूजी को समर्पित—-
अरे मैं भी कहूँ उनको ज़रूरत आज आटा की
मगर मोबाइलिया के रोगियों को खाज डाटा की
अगर सस्ता हो डाटा तो समय पर जानते हैं हम
तुम्हारे सर पे होगी बस सुशोभित ताज बाटा की
कवि देवेन्द्र प्रताप सिंह “आग”
9675426080
नोट- बाटा का आशय बाटा के जूते से है???
बहुत खूब ……………….!!
ati sunder sir………………..