अतीत को न आंकिये अब नासमझ निगाहों से
बन जाएगी जहर जिंदगी बे बुनियाद इरादों से।
आने वाला कल ही भविष्य के लिए उजागर होगा
मानव मात्र का उसका कर्म अमृत का सागर होगा।
इंसान की इंसानियत भला आप कब तक कैद रखेंगे
ईमान बदल गई जीलानें को कब तक बैद्य रखेंगे।
उसे क्या समझायेंगे आप कि अब हैवान न बनो
हवालों और घोटालों का आप मेहमान न बनो।
जिंदगी अनमोल रतन बस जतन करने के लिए
बुराईयॉ जितनी भी हो सब पतन करने के लिए।
तभी देश के जागरूक कर्णधार नागरिक कहलायेंगे
भाई-भाई बहन.बहन मिलकर फूलों सा लहरायेंगे।
आपस मे मद्-द्वेष मिटाकर मिलकर आगे बढ़ना है
बड़े-छोटां का क्लेश हटा उॅच शिखर पर चढ़ना है।
ये वतन अपना समझो जो सब देशों से न्यारा है
ईनक्लाब हो जिनका नारा झण्ड़ा तिरंगा प्यारा है।
कुछ करने की ताकत मन में इच्छा से ही आती है
सफल होना है गर तुमको स्वेक्षा मन को भाती है।
नया इतिहास बनाकर हम भी औरों को दिखलायेंगे
अमेरिका-रूस-जापान जैसे दुनिया को सिखलायेंगे।
डिगो न अपने प्रण के पथ से बिन्दु का ये नारा है
देश हमारा वतन है प्यारा सब देशों से न्यारा है।
Writer Bindeshwar Prasad Sharma (Bindu)
D/O Birth 10.10.1963
Shivpuri jamuni chack Barh RS Patna (Bihar)
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Mobile No. 9661065930
bahut badiya sir………………………
Thank you sir for your cooperation.
बहुत खूबसूरत…….
Thank you for your fully support.