“नाकाम था तो लोग ठुकरा गए मुझे,
एक राह के पत्थर की तरह रस्ते से हटा गए मुझे
आज जब वो पत्थर रत्नों में गिना जाने लगा,
तो देखने के लिए दूर दराज से आ गए मुझे”
“नाकाम था तो लोग ठुकरा गए मुझे,
एक राह के पत्थर की तरह रस्ते से हटा गए मुझे
आज जब वो पत्थर रत्नों में गिना जाने लगा,
तो देखने के लिए दूर दराज से आ गए मुझे”
लाजवाब……………..
bahut acche sir……………..
Bahut Bahut dhanyabaad aap logo ka….itne sneh ke liye…
Beautiful………………
अति सुन्दर वाहहहहहहहहहहहह