Happy Ganesh Chaturthi..
एक बार माता पार्वती ने सोच समझ कर किया विचार,
मैल निकाला अपने शरीर से,
उससे पुतला एक प्यारा सा बनाया,
प्राण डाले उस पुतले में फिर,
और नाम उसे गणेशा दिया,
आदेश दिया गणेश को तब,
दरवाजे पर पहरा देना,
कोई अंदर न आने पाये,
जब तक स्नान मेरा न पूर्ण हो जाए,
कुछ ही पल व्यतीत हुआ था,
तभी शंकर जी वहाँ पर आये,
गणेशा ने रोका द्वार पर उनको,
भीतर न जाने दिया,
शंकर जी ने बहुत समझाया,
पर गणेशा को अडिग ही पाया,
इस पर क्रोध भोलेनाथ को आया,
किया सिर धड़ से अलग गणेश का,
भीतर तब शिवजी ने प्रवेश किया,
क्रोधित देख शिवजी को पार्वती जी को हुआ अचम्भा,
पूछने पर शिवजी ने पार्वती को हाल सुनाया,
एक उदण्ड बालक खड़ा द्वार पर राह हमारी रोक रहा,
न माना समझाने पर जब, उसका सिर धड़ से अलग किया,
दुखी हुई पार्वती बहुत, विलाप फिर वो करने लगी,
पार्वती को दुखी देख शिवजी को बहुत ही दुःख हुआ,
तब हाथी के बच्चे का सिर, बालक के धड़ से जोड़ दिया,
पुनः पाकर पुत्र गणेश को पार्वती जी प्रसन्न हुई,
भाद्र पक्ष शुक्ल चतुर्थी को घटना ये घटित हुई,
मिला जन्म गणेश को इस दिन,
इसलिए गणेश चतुर्तिथि के नाम से प्रसिद्ध हुई।।
By:Dr Swati Gupta
आपको भी गणेश चतुर्थी की बधाई. बहुत सूंदर……………………….
Thanks a lot…sir!!
बहुत सुंदर आदरणीया गणेश चतुर्थी की बधाई. बहुत सूंदर……………………….
Thanks abhisek ji
गणेश जीवन की गाथा का का वर्णन कर उसकी महत्ता को दर्शाती खूबसूरत रचना……….गणेश चतुर्थी व गुरु दिवस की हार्दिक शुभकामनाये !!
Thanks a lot…Sir!!!
Nice description of story behind this festival
Thanks in tons…sir!!!
बेहद खूबसूरत…….जय सिद्धिविनायक नमो नमः….
Lots n lots of thanks…Sir!!!
बेहद खूबसूरत स्वाति जी ……………….. ।
Thanks a lot… kajal ji