बच्चा होता है बीज बिखरा हुआ सा,
पनपता है मातपिता की छाया में,
बनता हैं अच्छा पेड़ शिक्षक के उचित प्रकाश से,
ज्ञान की ज्योति जलाकर,
शिष्य के जीवन का अंधकार मिटाते हैं,
क्या सही और क्या गलत है,
इसके अंतर को शिक्षक ही समझाते हैं,
अच्छे समाज की नींव का दायित्व,
शिक्षक ही उठाते हैं,
शिष्य को सफलता के शिखर पर,
पहुँचाने का मार्ग शिक्षक ही बनाते हैं,
शिष्य के जीवन की फुलवारी को,
अपनी शिक्षा से महकाते हैं,
धन्य है सारे वो शिष्य,
जिनको मिला शिक्षक का प्यार है,
उनकी ज्ञान की छत्रछाया से,
जिंदगी में हुई रौशनी की बहार है।।
By:Dr Swati Gupta
बहुत खूब……………………सही लिखा है आपने.
Thanks in tons…sir!!
बहुत खूब……………आदरणीय
Thanks a lot abhishek ji
बहुत खूबसूरत ………….गुरु दिवस की हार्दिक शुभकामनाये !!
Aapka bahut bahut aabhar..sir!!!
बहुत अच्छी रचना स्वाति जी …… शिक्षक दिवस पर
बधाई आपको ।
Thanks a lot… kajal ji
Beautiful expression of gratitude for teachers Dr. Swati.
Aapka bahut bahut dhanywad..sir!!!
An apt poem on Teachers day
Aapka bahut bahut aabhar..Sir!!!
बहुत खूबसूरत……हर गुरु को मेरा नमन…..
Thanks a lots n lots..sir!!