अच्छा लगता है
आपसे मिलना यूं बातें करना
हमको तो अच्छा लगता है
एक खूबसूरत सा सपना जैसे
सम्पूर्ण और सच्चा लगता हैै
ये बातों बातों में बातें बनाना
बातों में ही रूठना मान जाना
ये खयाली बातें ये जज्बाती बातें
यूं ही बातों में वक्त बीत जाना
ये हदों में रहने की हिदायत
ये हदों को सहने की कवायद
ये हंसना ये मुस्कुराना
जैसे हो हमारे लिए ही शायद
ये दिल के जज्बातों काेे छलकाना
ये जज्बातों पर ही काबू पाना
ये उकसाकर दोस्ती के लिए
बन जाते ऐसे जैसे कोई बेगाना
ये तिरछी नजरों को घूमाना
ये नजरें झुकाके फिर उठाना
ये नजरों की नजाकत से
यूं चाहकर नजरें चुराना
ये खिलखिलाती सी हंसी
ये मन ही मन मुस्कराना
ये दिखाकर एक हल्की झलक
काफी देर तक नजर न आना
ये मन में गुनगुनाना
गैरों को नहीं सुनाना
ये कंटक पथ पर भी
बनाना सफर सुहाना
सच्चा मीत मिल जाए कोई
दिल में अरमान जगता है
आपसे मिलना यूं बातें करना
हमको तो अच्छा लगता है
रामगोपाल सांखला ”गोपी”
बहुत खूबसूरत जज्बात ……………………!!
बहुत बहुत धन्यवाद श्रीमान
बहुत सुंदर………………………………
बहुत बहुत धन्यवाद श्रीमान
अत्यंत सुन्दर रचना ………..
बहुत बहुत धन्यवाद श्रीमान
बेहतरीन ………………उम्दा
बहुत बहुत धन्यवाद श्रीमान
हमें भी बहुत अच्छा लगा सर …….
बहुत बहुत धन्यवाद श्रीमान