न सही खून का ,रिश्ता है ये सांझेदारी का।टिकती वही शादियां,समझदारी होती जहाँ।लिए जाते जहाँ फैसले,आपसी सांझेदारी से।सोच एक हो, नहीं ज़रूरी,एक दूसरे का सम्मान ज़रूरी।विश्वास अटूट हो,भरोसा और समर्पण हो।शालीन व्यव्हार हो,रिश्ते में सादगी हो।न कटु वचन हो,तकरार भी प्यार से हो।दुःख हो या सुख हो,साथ देने का निश्चय हो।कहते है लोग,जोड़ियां तो ऊपर बनती।पर मैं तो कहूंगी,निभाने की ज़िम्मेदारी अपनी होती।’अनु महेश्वरी’चेन्नई
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बिलकुल सही……..दिवाली की हार्दिक शुभकामनायें…..
Thanks Babucmji. Happy diwali to you too!
marvelous write anu ……………………
Thanks Shishirji. Happy diwali!
अति सुन्दर ………..।।
Thanks Nivatiyaji. Happy Diwali!