क्या मिला मुझे इतनी मोहब्बतों के बाद
हाथ खाली ही रहे इबादतों के बाद।
वो लोग जो पास से उठते नहीं थे कभी
मिलने आये मुझसे कई मुद्दतों के बाद।
बस इतना सा कहकर वो आगे बढ़ गया
एक और रास्ता है कई रास्तों के बाद।
अपने दिल में रोज़ सुनता हूँ ख़ामोशी का शोर
और क्या सुनाई दे इतनी शिकायतों के बाद।
ये मौत भी मेरी किसी के काम ना आयी
एक आफ़त और मिली कई आफ़तों के बाद।
Beautiful lines ……..
बहुत खुबसूरत ……रचना
Each lones is true and beautiful!
बहुत खूबसूरत ग़ज़ल आपकी………..
बेहतरीन गजल …………………….