************************************************************************************
आज उनका हमें जो पैगाम मिला है।
आँखों की तडप को विश्राम मिला है।
जल गये इश्क़ की आग मे अब तक
दिल को इंतजार का अंजाम मिला है
भिग गये हम बिन पानी की बरसात मे
उनसे हो गयी तकरार बेवजह की बात मे
रूठ जाना तो प्यार का ही एक खेल है
वादा करो कि मान जाओगी हँसीन रात मे
अभिषेक शर्मा अभि
************************************************************************************
वाहहहहहहहहह……………. अति सुन्दर अभिषेक !!
बहुत बहुत आभार निवातियाँ जी
बहुत ही सूंदर रचना …………………………
बहुत खूब अभिषेक………………
बहुत खूब अभिषेक जी
अभिषेक आपकी रचना कमाल की है l ईश्वर करे ऐसी ही अच्छी अच्छी रचना हमें पढ़ने को मिलती रहे l
अभिषेक जी…बेहद उम्दा……..
बहुत खूब …अभिषेक जी!!!