कैसे राज करेंगे राम, जब निशाना अर्जुन का चूक गया,
क्यूँ करें कर्ण अब दान, जब सावित्री का सौभाग्य लूट गया,
कैसे रहे अटल हरिशचंद्र, जब गांधी सत्याग्रह छोड़ गया,
दधिची करता ही रह गया त्याग, जब सुघ्रीव मित्रता तोड़ गया,
कैसे रंग लायेगा ध्रुव का तप, भरत भातृ -प्रेम से मुख मोड़ गया
================================================================
तात्पर्य =>
राम => सरकार, हरिशचंद्र =>सच्चाई, सुघ्रीव =>राजनीती, अर्जुन का निशाना =>जनता का वोट,
ध्रुव का तप =>संघर्ष कुर्सी का, कर्ण का दान =>जनता का बलिदान,
भरत =>विपक्षी, सावत्री का सौभाग्य =>जनता का भविष्य, दधिची =>जनता
==================================================================
शीतलेश थुल !!
Bahut hi badhiyaa…….bahut sundar…..
बहुत बहुत धन्यवाद शर्मा जी।
very nice sir…………………
Thank you very much Mani Sir….
Well said Sheetalesh ……..
Thank you very much Shishir Sir……
Very Nice ……………………..
Thank you very much Sarvajit Sir…
Bahut hi sundar and bhavpurna….
सहृदय धन्यवाद स्वाति जी।
Beautiful expression……………………
Thank you very much Vijay Sir……