एक नन्ही सी जिद्द खामोश हो गयी,
लगता है हर जिद्द पूरी कर सो गयी,
नन्ही सी जिद्द थी नन्ही सी परी की,
देख ले वो कार की छत से जग को,
कर ले बातों से हवा, हाथ खोल के,
नन्ही सी बाहोँ में भर ले इस जग को,
ना ना करते करते खोल दी छत की,
खिड़की, नन्ही सी प्यारी परी के लिए,
पर होनी को कुछ और ही मंजूर था,
चाइना डोर ले आयी मौत उसके लिए,
दर्द से चीख उठी गले में जब फसी,
चाइना डोर, फिर एकदम चुप सी हो गयी,
खुशिया बिखेरने वाली नन्ही परी,
जिद्द करते करते जाने क्यों खामोश हो गयी,
बोलती कुछ भी नहीं, कहती कुछ भी नहीं,
एक पल में एक माँ की कोख सुनी हो गयी,
एक बाप से जिद्द करने वाली उसकी नन्ही,
परी जाने किस बात पर नाराज़ हो चुप हो गयी,
किसकी गलती थी इस खोमोशी की वजह में,
एक सवाल हर किसी के जेहन पर छोड़ गयी,,
उसकी जिद्द या पिता की दी अनुमति, या चाइना डोर,
जो ना जाने कितनो की मौत का सबब बन गयी,
पतंगबाज़ों के पल के मजे ने कितने मासूमो की,
जिंदगियां उजाड़ दी उम्र भर दर्द में जीने के लिए,
बिक रहा सब कुछ दिखा अंगूठा सरकार को,
हर कोई चुप कोई ये सोच कर मुझे क्या पड़ी,
तो कोई ये सोच कर अच्छा मुद्दा है चुनावी मुद्दा बनाने के लिए,
मनीजी…..आपकी कविताएं दिल को छू जाती है।
बहुत ही अच्छा लिखते हैं आप।।
बहुत बहुत आभार आपका स्वाति जी आपका इस सराहना के लिए…….
हाल ही में घटित दुखद घटना पर बहुत ही मार्मिक विषय को छुआ है आपने ……।।
जी निवातिया जी जब मैंने ये खबर देखी मेरा दिल इतना ज्यादा दुखी हुआ की मैं आपको बता नहीं सकता ……आपको मेरे भावो को सराहा आपका तहे दिल आभार…………………..
मनी जी…..मेरे पास आपकी प्रशंसा के शब्द नहीं हैं…आप हर उस घटना जिस से हमारी ज़िन्दगी जुडी है….. बहुत ही खूबसूरती से उनके अपने शब्दों में ब्यान करते है कि बरबस हर इंसान उसको सोचने पे मजबूर हो जाता की उसको ऐसे क्यूँ नहीं सूझता….बहुत उम्दा कर रहे आप… भगवान् आपकी कलम को और प्रखर करे……
सी एम् शर्मा जी बहुत बहुत बहुत आभार आपका इस हौसलाफजाई के लिए और आपने कीमती विचार देने के लिए…………….आगे भी ऐसे ही अपना प्यार बनाये रखे……………….
मनिंदर जी बेहतरीन भाव………………!
तहे दिल आभार सुरेंद्र जी आपका…………………………….
दुसरे के दर्द को महसूस कराती सुन्दर रचना. लेकिन मनिंदर जीवन में ऐसी परिस्थितियों में सावधानी की जिम्मेदारी माता पिता की होती है. इसलिए कहा गया है ” सावधानी हटी दुर्घटना घटी”.
तहे दिल आभार शिशिर जी आपका इस हौसलाअफ़ज़ाई के लिए और अपने कीमती विचार देने के लिए……………
बहुत बहुत सुंदर रचना मनी जी ।
thank you so much kajal ji…………………
मार्मिक घटना का वर्णन किया है आप ने. man बेचैन हो गया. बहुत मार्मिक रचना.
तहे दिल आभार आपका इस सराहना के लिए…………….विजय जी आपका
मर्मस्पर्शी रचना मनी जी !
thank you so much meena ji……………..
बेहतरीन रचना मनी जी l
thank you rajiv ji,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,