देश हमारा
सोने की चिड़िया
करें सम्मान
तोड़ गुलामी
आजादी हम पाए
हो अभिमान
दिए आहुति
जंगे आजादी बीच
वीर जवान
श्रद्धा सुमन
अर्पित करें हम
जो हैं कुर्बान
खुले चमन
लहराएँ तिरंगा
जगाएँ मान
अपने लोग
अपनों का शासन
स्व-संविधान
हिन्दू मुस्लिम
या हो सिख ईसाई
सभी समान
करे खोखला
स्वार्थी इस देश को
बने महान
करते दंगा
लिए हाथ तिरंगा
नकली खान
आज का नेता
भरे अपनी झोली
कर स्व-ध्यान
करें प्रतिज्ञा
रहे भारत अखंड
हमारी शान
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सुरेन्द्र नाथ सिंह “कुशक्षत्रप”
दोस्तों आप सभी से क्षमा प्रार्थी, आप सभी की रचनाये का विगत एक सप्ताह से न मै रसास्वादन कर पाया , न ही कोई प्रतिक्रिया दे पाया। खुद भी लेखन से दूर रहा, कुछ अत्यंत निजी कारणों से।
पुनः हाजिर हूँ, एक हाइकू के साथ…..
आशा करूँगा की अनवरत साथ प्यार स्नेह से सराबोर होता रहूँगा, और गुणी जनों का आशीर्वाद मिलता रहेगा!
सानुरोध
बहुत खूब सुरेंद्र जी क्या लिखा है “करे खोखला स्वार्थी इस देश को बने महान” बहुत ही अच्छे शब्दो से आपने अपनी कविता और अपनी देशभक्ति को दर्शाया है l
आद0 राजीव गुप्ता जी धन्यवाद आपको।
सुरेंद्र जी बहुत बढ़िया लिखते है आप………..थोड़ा सा मुझे भी ज्ञान दे दीजिये…………..
मनिंदर जी अभी तो मै खुद कविता का क भी नहीं जान पाया हूँ, दुसरो को क्या सिखाऊ, फिर भी कही कोई संशय लगे तो आप बेहिचक पूछिए।
बहुत दिनों के बाद आये आपका स्वागत है और आते ही जबरदस्त हाइकू …………………………….. बहुत ही बढ़िया सुरेन्द्र जी !!
आदरणीय सर्वजीत सिंह जी धन्यवाद!
अति सुन्दर नमन लेखनी को
आभार अभिषेक जी!
आप हाइकु के एक्सपर्ट हो गए हैं. बहुत सुंदर रचना……………..जय हिन्द !
विजय जी धन्यवाद!
Lovely write Surendra
शिशिर जी आभार आपका!
बहित बेहतरीन हाइकू रचना …….अति सुन्दर सुरेन्द्र ।।
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धन्यवाद निवातिया जी
Sir.. bahut hi sundar bhavabhivyakti…
Shaan n iski jaane paaye, chahe jaan bhale hi jaaye..
धन्यवाद डॉ स्वाति जी