रक्षा बंधन त्यौहार है, भाई बहन के प्यार का,
निश्छल प्रेम और विश्वास का,
जहाँ छल कपट की जगह नहीं,
पैसों की कोई दीवार नहीं,
जहाँ प्यार ही प्यार पनपता हो,
लालच का कोई आधार नहीं,
धागा है ये प्रीत का,
विश्वास से बंधी है इसकी डोर,
बहन बांधे जब भाई के हाथों में,
अहसास दिलाती है भैया को,
तेरी खुशियां मुझको प्यारी है,
नहीं चाहिए मुझको कुछ और,
वादा चाहती हूँ इतना सा,
जब भी मैं मायके में आऊँ,
प्यारी सी यादें ले जाऊँ,
तेरी खुशियां देखकर,
दुनियाभर की खुशियां मैं पा जाऊँ,
बहन के इस निश्छल प्यार पर,
भइया मन ही मन इतराता है,
वादा करता है बहना से,
राखी का मान बढ़ाऊँगा,
भाई बहन के इस प्यारे बंधन को,
पूरी श्रद्धा से मैं निभाऊंगा,
मायके जब भी तू आएगी,
जहाँ भर की खुशियां पायेगी,
ग़म की कोई जगह न होगी,
प्यारी सी यादें लेकर जायेगी,
प्यारी सी यादें लेकर जायेगी।।
By:Dr Swati Gupta
डॉ. स्वाति बेहतरीन रचना. बहुत अलग तरह से आपने रक्षा बंधन पर्व की महत्ता को बताया है.
बहुत बहुत शुक्रिया….sir
भाई बहन के निश्छल प्रेम का सजीव चित्रण प्रस्तुत किया है आपने स्वाति जी। बहुत खूब।
आपका बहुत आभार …..सर।।
रक्षा बंधन को खूबसूरती से रचना के माध्यम से प्रकट किया है आपने……………बेहतरीन अभिव्यक्ति…………….
बहुत बहुत धन्यवाद ….सर।।
बहुत बढ़िया स्वाति जी….भाई-बहन के इस त्यौहार को बखूबी पेश किया है अपने लफ़्ज़ों में
मनी जी….आपका बहुत धनयवाद।।
रक्षाबन्धन की हार्दिक शुभकामना स्वाति जी।
आपने हम सभी के दिल की बात कह डाली है!
आपका बहुत बहुत धन्यवाद …सर…आपको भी रक्षा बंधन की शुभकामनाएं।।
भावपूर्ण अभिव्यक्ति…. ……………बेहतरीन स्वाति जी।
Thanks a lot… abhishek ji..
ह्रदय में प्रेम भाव का संचार करती बहुत खुबसूरत रचना ।
Sundar pratikriya ke liye aapka bahut aabhar…sir..
Thanks a lot..sir for your nice comment..
भाई बहन के प्यार के अटूट बंधन को दर्शाती खूबसूरत रचना …………………. बहुत खूब स्वाति जी !!
Thanks in tons..sir …for this nice comment..