मैं कब तेरी आंखे बनना चाहती हूँ
वो तो सबको देखा करती है …..
मैं तो तेरी धड़कन भी नहीं बनना चाहती
वो तो सबके लिए धड़का करती है ….
मैं तो बस तेरे कदमो की आहट बनना चाहती हूँ
जो हर पल मुझे तेरे आने का आभास कराती है
जो हर पल मुझे मेरे चहरे की हंसी का कारण लगती है
जो बिना कहे हर घडी ,तेरी हर बात मुझ से करती है
मुझे अपने दिल मे कर लो इस तरह शामिल
की मैं रहूँ तेरी सांसो मे घुली खुशबू की तरह
मुझे अपनी पलकों पे बिठा लो कुछ इस तरह..
की हर बार मैं छलकूं तेरी आँखों से नमी की तरह ……..
बेहतरीन रचना तमन्ना जी। आपकी भाषा शैली कितनी सामान्य है। साधारण शब्दो के माध्यम से बातो को खूब समझाया है आपने।
dhanywaad … …….i also write 02 poem on AATANKWAAD pls read aue comment jaroor kijiyega
वाह ! बहुत खूब…….
dhanywaad … …….
बहुत बढ़िया तमन्ना जी……………..
thanks mani ji
बेहतरीन प्रेम भाव.
dhanyawaad shishir ji
प्रेम तरंग की तमन्नाये लिए खूबसूरत रचना ………..अति सुन्दर !!
Thankyu Nivitiya ji
बहुत ही बढ़िया……
Tankyu Babu Cm ji
Sunder premabhivkti……… Tamanna ji
Thankyu Thanku Savita ji
खूबसूरत अभिव्यक्ति…………….