गिरधर तेरे रंग हज़ार
गिरधर तेरे रंग हज़ार तूने ही जग में बांटा प्यार
दया प्रभु तू करना हम पर खुश रहे सदा घर संसार
गिरधर तेरे रंग हज़ार —————————-
इच्छा मेरी पूर्ण कर दे
खाली मेरी झोली भर दे
तू चाहे तो पल में कर दे
तेरी लीला अपरम्पार
गिरधर तेरे रंग हज़ार —————————-
तू ही सारे जग को चलाता
तुझको ही तो कहते विधाता
मात पिता तू बहन भ्राता
तू ही सबका पालनहार
गिरधर तेरे रंग हज़ार —————————-
सर्वजीत सिंह
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सत्य वचन कहे आप ने सर्वजीत जी गिरधर के नाम हज़ार है उसकी रजा के बिना पत्ता भी नहीं हिल सकता है………………………..
बहुत बहुत आभार ………………….. मनी !!
खुबसूरत प्रार्थना गीत ……अति सुंदर ।।
बहुत बहुत आभार ………………….. निवतियां जी !!
बहुत ख़ूबसूरत अर्चना है सर्वजीत जी ,सुंदर रचना
बहुत बहुत आभार ………………….. किरण जी !!
Beautiful prayer Sarvjeet
Thank you very much ……………………. Madhukar Jee.
खूबसूरत कलम से खूबसूरत प्रार्थना!
बेमिसाल उत्साह वर्दक प्रशंसा के लिए बहुत बहुत आभार ……………………………. अरुण जी !!
सौफीसदी सत्य वचन…..लाजवाब भक्ति रचना…….जय हो….
प्रशंसा के लिए बहुत बहुत आभार ……………………………. शर्मा जी !!
गिरधर तेरे रंग हज़ार…..इस कविता के लिए आपको मेरा नमन सिंह साहब।
बहुत बहुत आभार …………………………. शीतलेश जी !!
Very very nice…sir
Thank you very much Swati Jee.
बहुत ही सुंदर गीत ………….
बहुत बहुत आभार …………………………. विजय जी !!