About The Author
अभिषेक शर्मा (इंजीनियर) जन्म स्थान- नागौर ,राजस्थान
बड़ी दिलचस्पी है मुझे कविता लिखने की । सभी से आग्रह है की मेरी रचनायें को अवश्य पढ़ें और अपनी प्रतिक्रिया दें। page:-https://www.facebook.com/Life-doesnt-stop-for-anybody-abhi-268935786541458/ , facebook Id-https://www.facebook.com/abhi.sharma.79230305 , mail;[email protected] , http://abhisharma260.blogspot.in/
बेहद बेहद खूबसूरत………अभिषेक जी…पर टाइपिंग की गलती ठीक कर लो….अदावत है … अडावट नहीं…
हार्दिक आभार अादरणीय सादर नमन ये तुकान्त के रुप मे है अदावट सजावट संकट
मुझे नहीं पता था कि तुकांक में ऐसे लफ्ज़ बदल सकते….गलती ही मेरी भाई……
आप मेरे अादरणीय ये मुक्तक था आप से बहुत कुछ शिखना हे कोइ गलती हुइ तो माफी
अभिषेकजी…माफ़ी कि बात ही नहीं है….हां जो चीज़ मुझे नहीं पता है मैं उसको साफ़ साफ़ मानता हूँ… यह सही है…और आप मुक्तक लिखने में माहिर हैं इस में दो राय नहीं है….. आप की कलम और ज्यादा प्रखर हो दुआ है मेरी…..
बहुत खूबसूरत …………..अति सुन्दर बब्बू जी के कथन पर ध्यान दे !
हार्दिक आभार अादरणीय सादर नमन ये तुकान्त के रुप मे है अदावट
दिखाते है झूठी शान,कुछ अपना इम्प्रेसन जमाने के लिये
ये झूठी शान ना बंद होगी,जब तक बनावट बंद न हो
कर देते है लाखो खर्च रूपये फिजूल मे,शादियों मे बड़े बड़े लोग
ये फिजूलखर्ची बंद न होगी,जब तक शादियों मे सजावट बंद न हो
कर नही सकता मुल्क तरक्की,जब तक रहेगी हर काम मे रूकावटे
आगे नही बढ़ सकता वो मुल्क,जब तक रूकावटो का दौर बंद न हो
फैली है भावना अदावट की, हमारे देश मे सभी पार्टियों मे अभी
ये पार्टिया मुल्क को आगे नही बढा सकती जब तक अदावट बंद न हो
बहुत खुबसूरत अभिषेक ……..प्र्तुत्तर में लिखा तुकान्त बहुत उम्दा पेश किया आपने
….प्रकाशित रचना को पहले मैंने आपकी चिर परिचित शैली में ही पढ़ा …यक़ीनन हमारा दोष रहा …..कदाचित आप द्वितीय पाक्ति में संकट का कोई पर्याय प्रयोग करते तो अधिक स्पष्टता आ सकती थी ।।
पुन : धन्यवाद आपका ।।
बहुत खूब अभिषेक जी ।
हार्दिक आभार अादरणीय
बहुत खूब ………………………….. अभिषेक !!
हार्दिक आभार अादरणीय सादर नमन
मंत्रमुग्ध हो गया मन ..
हार्दिक आभार अादरणीय सादर नमन