इस भरी दुनिया में हम उन्हें कैसे ढूँढे
जो गुम्म हो गए इस दुनिया की दुनियादारी में
जो उड़ गए बन के खुशबू सकूं की तरह ….
इन् आते जाते मौसम की पहरेदारी में …….
रेत के टीलो को बनाकर मैं खुश थी बड़ी
झूमता था दिल मदमस्त बहती पवन की तरह
न जाना मैने , न कभी महसूस ही किया …..
रेत के टीले भला कब तक रहेंगे यहाँ ……
एक लहर ने आशियाँ को तोड़ दिया …
सागर में बाहा दिया रेत को सपनो की तरह
अब तो बस किनारा है सागर का यंहा
जहा हुआ करता था टीलो का शहर बसा ……!!!!
बेहद बेहद खूबसूरत………….जहा हुआ करता था टीलो का शहर बसा…..वाह क्या बात है…….
Thankyu Babucm
very nice………………..
dhanyawaad ji dhanyawaad
बहुत खूबसूरत……………..तमन्ना !!
dhanyawaad nivitiya ji