आज फिर मुस्कुराने का मन है
आज फिर मुस्कुराने का मन है
कुछ छूटा, कुछ है, और कुछ पाने का मन है।
आज फिर मुस्कुराने का मन है॥
जो छूटा है उसे भुलाना आसान तो नही
मगर जो साथ है, उसे साथ ले जाने का मन है,
आज फिर मुस्कुराने का मन है॥
माना के मंज़िले आसान नही होती, मगर होती तो हैं,
ऐसी किसी मंजिल का मुकाम पाने का मन है॥
आज फिर मुस्कुराने का मन है॥
जो पाया है वह अच्छा, जो खोया है वही भी अच्छा
बस एक बार..खोने का आनंद पाने का मन है..
आज फिर मुस्कुराने का मन है॥
चलो एक बार फिर रुक जाता हू यही..हमेशा की तरह
बस एक बार इस गंगा मे उतर जाने का मन है
आज फिर मुस्कुराने का मन है॥
अति सुन्दर …………
धन्यवाद…..
जब खोने का आनंद आने लगता है तो मुस्कराहट कहाँ जा सकती है….वो तो हमेशा आपके पास है….बहुत सुन्दर…………
दिल की गहराइयो से बहुत बहुत धन्यवाद…
बेहतरीन रचना……………………… ।
बहुत बहुत धन्यवाद….
खूबसूरत भाव अभिव्यक्ति ………!!
बहुत बहुत धन्यवाद….