मैं
और
तुम थे
उस हंसी
रात चांदनी
के साये में गुम
सोया था सारा जहां
चिर निंद्रा की आगोश
जैसे चढ़ा काल की भेंट
सारा का सारा शहर आज ।।
था
कोई
अगर
हम तुम
और न कोई
हमारे अलावा
एक साक्षी थी बस
रात चांदनी संग में
लस्कर लिए सितारों का
दामन थामें शशि के साथ।।
हा
बस
हम थे
उस पल
के हकदार
किसी भी तरह
बिताने को तैयार
अपनी मर्जी माफिक
बिना किसी रोक टोक के
पाने को सत्य का पूर्ण सार ।।
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डी. के. निवातियां………..!!!
कोई भी शब्द…नहीं मेरे पास इस बेहतरीन प्यार से बने पिरामिड के नज़ारे में……बेहतरीन….लाजवाब….. बेमिसाल……..
बब्बू जी आपकी प्रतिक्रिया ही सबसे बड़ा उपहार…….बस इसी तरह अपना प्रेम बनाये रखियेगा ……..बहुत बहुत धन्यवाद आपका !!
निवातिया जी आप हर कला में निपुण हैं।
तारीफ के लिए शब्द नहीं मेरे पास।
बस एक विनती है कि हमें भी कुछ सिखा
दीजिए।
रचना पसंद करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद काजल …….इस तुच्छ प्राणी के पास वैसे तो कुछ नहीं है ….वरन आप लोगो को जो कुछ भी लगता है उसके लिए सैदव ह्रदय से तत्त्पर हूँ …… !!
अदभुत रचना निवातियाँ साहब। अपनेपन का एहसास है इसमें।
आपके प्रखर अवलोकन का .बहुत बहुत धन्यवाद शीतलेश …….!!
बेहद खूबसूरत पिरामिड रचना निवातियाँ जी………..,लेखन की हर कला में निपुण हैं आप.
आपकी श्लाघ्य पूर्ण प्रतिक्रिया के लिए ह्रदय से आभार मीना जी !!
बेहतरीन यादगार रचना…………………अति सुंदर.
बहुत बहुत धन्यवाद विजय ……..!!
वाह वाह वाह वाह वाह बहुत सुंदर सृजन अादरणीय निवातियाँ जी सादर नमन
बहुत बहुत धन्यवाद अभिषेक ……..!!
बेहतरीन ………….लाजवाब ………….खूबसूरत…………..
बहुत बहुत शुक्रिया आपका …..शिशिर जी !!
लेखन की हर कला में आप माहिर है……………आप को आप की लेखनी को सलाम
आपकी प्रोत्साहित करती प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद मनी !!
बहुत ही बढ़िया ………………………….. जबरदस्त ……………………. लाजवाब निवातियाँ जी !!
तहदिल से शुक्रिया सर्वजीत जी………………..!!
Sir…aapki poem dil ko chhoo jaati hain…
Apko shat shat naman
रचना आपके ह्रदय पटल पर स्थान बना सकी उसके लिए हार्दिक आभार आपका स्वाति बहुत बहुत धन्यवाद ।
सुन्दर पिरामिडीय रचना. ……
शुक्रिया आनन्द …………।।
सर आप रचना के साथ साथ और किस किस कला में निपुण है।
बहुत ही खुब सुरत रचना है सर।
उत्साहवर्धन करती आपकी अमूल्य वचनो ह्रदय आभार भावना जी…………निपुण तो नहीं कह सकते … एक नाकाम सी कोशिश अवश्य रहती है साहित्य विधाओं करीब से जानने समझने की ………समय निकाल कर अन्य रचनाओं पर भी गौर करे ……….आशा है अवश्य आपके ह्रदय तक पहुंचेगी !