चाहत मेरी बस इतनी के गुज़र जाए ज़िन्दगी तेरी याद में,
लिख दी है हर ख़ुशी तेरे नाम मैंने अपनी हर फ़रियाद में,,
नहीं हूँगा जब पास तो पता चलेगा इश्क़ मेरे का वजूद तुझे,
दीवानी हो ढूँढोगी मांगोगी मुझे अपनी हर दुआ फ़रियाद में,,
होती थी रोज मुलाकत हमारी सुनसान खेत खलिहानों राहों पे,
मन झूम उठता था छम छम पायलें जब तेरी करती थी पाद में,,
है मन में इस कदर तू बस गयी के नहीं होता कुछ और गुमान,
छनकती चूड़ियां सुनायी दे हैं जब मांगता हूँ तुझे अपनी मुराद में,,
बेशक दुश्मन है सारा ज़माना हमारी मोहब्बत का आज “मनी”,
यही लिखेगा किस्से इश्क़ के हमारे दुनिया से जाने के बाद में,,
Mani jee bahut khub gazal ke mukhdey bhi bahut achhey hai.
thank you bindu ji
बहुत ही खूबसूरत मनी जी नमन
अभिषेक जी मुझे नमन न करे मैं अभी सीख रहा हु……………….अभी तो मैं आपसे भी बहुत पीछे हु……तहे दिल धन्यवाद आपका
बहुत ही सुन्दर ग़ज़ल….मनी जी।।।
thank you swati ji
लगे रहिये ……………..बहुत खूब………………………..
thank you vijay ji…………………..
बहुत ही सुंदर मनी जी…………….. ।
thank you kajal ji………………..
बहुत अच्छे मनी ……धीरे धीरे लय पकड़ रहे हो ………..बस लगे रहिये !!
nivaatiya ji aap ka ashirwad chahiye bus……tahe dil abhar apka
रति प्रेम की अवस्था का बड़ी ही खूबसूरती के साथ वर्णन किया है आपने मनी जी।
thanks shitlesh ji……………..
सुन्दर प्रयास मनि. लगे रहो.
thank you shishir ji…………..
लगे रहो….खूबसूरत….
बस आप का आशीर्वाद चाहिए………………..सी एम् शर्मा जी…………………
बहुत खूब मनी ………………………. Keep it up.
bas sir aap apna ahisrwad banaye rakhe……………………..