तेरे इंतज़ार में – ग़ज़ल – सर्वजीत सिंह
दिल में तेरी ही मोहब्बत है बस तेरा ही तो इंतज़ार है
इक बार तू अपने लब से कह दे कि तुझे मुझसे प्यार है
मैं तो दीवाना हूँ तेरा मुद्दत से मरता हूँ तेरी हर अदा पे
तू भी दीवानी होकर इक बार कह दे के तेरा भी इकरार है
मैंने सरे आम सबको बता दिया अपनी मोहब्बत के बारे में
तू भी बता दे जो तेरी आँखों में दिखता मोहब्बत का इज़हार है
मैंने तो मान लिया है बस तुझे ही अपनी मोहब्बत का खुदा
तू आकर मुझे ये तो बता दे क्या तुझे इस बात से इंकार है
तुझे आना ही होगा आकर रहोगी चाहे जितना भी खुद को रोको
सर्वजीत ये जानता है के तेरा दिल भी मुझसे मिलने को बेकरार है
सर्वजीत सिंह
[email protected]
वाह्ह्ह्ह्ह्…….मजा ही आ गया…..अगले 108 साल तक बेहतरीन आपके नाम………
तहे दिल से आपका शुक्रिया अदा करते रहेंगे ………………………….. शर्मा जी !!
बहुत ख़ूबसूरत अंदाज़ दिल बात कह निकलवाने का………………..बहुत बढ़िया सर्वजीत जी…………….
तहे दिल से शुक्रिया …………………………………. मनी !!
Beautiful Gazal Sarvjeet
तहे दिल से शुक्रिया …………………………………. मधुकर जी !!
बहुत बहुत ही खूबसूरत – – – – – लाजवाब !
सर्वजीत जी ।
आपका बहुत बहुत आभार ……………………….. काजल जी !!
Bahut bahut bahut hi badiya…sir..
आपका बहुत बहुत आभार ……………………….. स्वाति जी !!
अति उत्तम ……बहुत बेहतरीन ….लाजबाब ……..कमाल का शायराना अंदाज़ है आपका ।।
आपकी बेमिसाल उत्साह वर्दक प्रतिक्रिया के लिए तहे दिल से शुक्रिया ……………………………. निवातियाँ जी !!
बेहद खूबसूरत गज़ल……..!
आपका बहुत बहुत आभार ……………………….. मीना जी !!
Apko padana achha lagta hai. Bahut badiya
प्रशंसा के लिए आपका बहुत बहुत आभार ………………………………. सविता जी !!