**समझदार लोग धूल फांकते हैं::आनन्द सागर**
जो अपने आगे दूसरों को कम में आंकते हैं,
ऐसे ही समझदार लोग धूल फांकते हैं l
जिनसे अपने घर का हाल सम्भाला नहीं जाता,
ऐसे ही जाहिल दूसरों के घर में झांकते हैं l
फितरत नहीं हमारी औरों में ऐब ढूंढना,
तहज़ीब है हमारी हम खुद में ताकतें हैं l
सकूत समन्दर की गहराईयां कहता है,
ये लोग कतरा भी नहीं जो डींग हांकते हैं ll
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-Er Anand Sagar Pandey
Bahut aachha likhha hai aapne ,jo karte hain Woh jatate nahi .or ho jatate hain Woh karate nahi
सादर आभार आदरणीया !!
Nice write Anand
सादर आभार !!
शुभ-दिन !!
उम्दा………………………………. बेहतरीन सागर जी
सादर आभार आदरणीय !!
कमाल कर दिया….बेहद खूबसूरत……….
सादर आभार !!
शुभ-दिन !!
bahut badiya soch……………….
सादर आभार !!
शुभ-दिन !!
बहुत ही खूबसूरत बात लिखी आपने आनंद जी ।
बहुत बढ़िया —– !!
सादर आभार काजल जी !!
अति सूंदर……………….
सादर आभार आदरणीय विजय जी !!