जूझती जिन्दगी
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हार गयी हिम्मत इंसानियत के नाम से
जूझती जिंदगी महफूज़ नहीँ बेलगाम से
खून मैला है मैले आदमी की
डरती मानवता हर शैतान से
दुश्वारियों के पथ पर
चलना अब आसान नहीँ
अमन चैन वाले भी
अब जा रहे हैं जान से
अपने कलेजे में छुपा रखी थी
कितनी हसरत
मिट गयी आज वो जहान से
क्रूर नाखूनों की बर्बरता ऐसी
कानून का हाथ भी बेबस दिखा हैवान से
हार गयी हिम्मत
इंसानियत के नाम से
डॉ सी एल सिंह
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आपने बहुत सही कहा है. हालात तो यही है.
aaj ke samay ka bakhubi varnan…………………………..
Nice composition with good thought today every one facing same problem whatever you written…..
वर्तमान हालातो को दर्शाती अच्छी अभिव्यक्ति ……………!!
सही फरमाया आपने आजकल के जो हालात है उसमें बहुत लोग ज़िंदगी से जूझ रहे हैं ……………………. बहुत बढ़िया लाल जी !!