नफे की बात क्या करना खसारा भी नहीं मुमकिन,
तुम्हारे बिन मेरा इक पल गुज़ारा भी नहीं मुमकिन l
अगर तुम साथ रहते हो तो दुनिया साथ रहती है,
तुम्हारे बिन मुझे मेरा सहारा भी नहीं मुमकिन ll
मेरी आंखों ने माना है कि इक लम्हा तुम्हारे बिन,
मेरी नज़रों को कोई भी नज़ारा ही नहीं मुमकिन l
आफताब-ए-मुकद्दर का तसव्वुर भी नहीं होता,
तुम्हारे बिन मुझे अदना सितारा भी नहीं मुमकिन l
ज़रूरी किस कदर तुम हो सुनो “सागर” के लफ्ज़ों में,
तुम्हारे बिन उसे उसका किनारा भी नहीं मुमकिन l
All rights reserved.
-Er Anand Sagar Pandey
Very nice……………….
सादर आभार आदरणीय
बहुत सुंदर —– —–‘—- ! !
सादर आभार आदरणीया
अति सुंदर……॥॥॥॥
सादर आभार आदरणीय
बहुत खूबसूरत……………..
सादर आभार आदरणीय
Very very nice………………………………
उम्दा……………