तुम्हारी याद
ये मधुर चांदनी
हवा गा रही रागनी
इतने हंसी मौसम में
याद तुम्हारी सता रही।
हवा के झौंको के साथ
आती तेरे बदन की खुशबु
तन को कंपाकर मेरे
मन को मेरे कुछ यूं हरती
इतने हंसी मौसम में
याद तुम्हारी सता रही।
आंखों में पाने के सपने
होंठों पर नाम की रटन
तन के अन्दर भड़की ज्वाला
बाहर से बंधी कंपकंपी।
इतने हंसी मौसम में
याद तुम्हारी सता रही ।
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nice expression……………………………………