पढ़ अख़बार मैंने,
बड़ी रोचक जानकारी जुटाई,
रह न जाये आप इससे अनजान,
जल्दी से रचना बनायीं,
अनुसंधाओ से पता चला है की,
बीवी से बात करने पर,
टेंशन कम हो जाती,
९० % हार्टअटैक कम,
होने की बात बताई,
९५ % दिमाग चिंतामुक्त,
९७% शरीर हल्का रहता,
ऐसी बात बताई,
अरे रुकिए साब,
कहाँ चल दिए?
उसके साथ,
एक शर्त भी है बताई,
बीवी हो, पर अपनी ना हो,
ऐसी अजब सी,
युक्ति बताई,
बात दिल की कह,
देख लीजिये,
नया-नया प्रयोग,
है कर देख लीजिये,
किसी भी दुर्घटना की,
जिम्मेदारी आपकी,
जो भी कीजिये अपने,
जोखिम पर कीजिये,
कैसा रहा अनुभव,
आपका रचना के,
माध्यम से जरूर दीजिये,
जिसकी ना बनी बात,
कुछ कहने का,
कष्ट ना करे,
जिसकी बन जाये बात,
तो “मनी” को दुआए,
जरूर दीजिये |
हा हा हा…….बहुत बढ़िया नुस्खा बता दिया….आपके खुश रहने का राज़ जगजाहिर हो गया….. लाजवाब……
तहे दिल धयवाद सी एम् शर्मा जी रचना सराहने के लिए……….आपकी रूचि देख अलगता आप भी कोशिश करेंगे…….हाहाहाहाहा
????????……..
गुस्ताखी माफ़ स्वाति जी…..अगर आज आपके पति चोखट पर ज्यादा समय बिताये तो समझ लीजिये उन्होंने मेरी रचना पढ़ ली है……आगे आप देख लीजिये……..हाहाहाहा…….रचना पड़ने के लिए धन्यवाद……..
खतरों से खेलना छोड़ दो मनी ………………………. हाहाहा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, बहुत ही बढ़िया !!
हाहाहाहाहा……….सर्वजीत जी खेल नहीं रहा खिला रहा हु …………..देखते है कौन खेलेगा
Fool to मस्ती………….। पर एक राम थे और एक हम है जो अपनी पत्नी छोड़ किसी और की तरफ नजर उठा के भी नहीं देखते। कारण भी है, मेरी नजर थोड़ी टेड़ी है।
सर टेढ़ी नज़र भी कमाल की होती है…..जल्द ही आपको रचना के माध्यम से बताऊंगा……तहे दिल आभार आपका
मनी जी यु आर वेरी फनी जी ********
thank you kajal ji……
परसेंटेज वाइज जो आपने उपाय बताया है उसे १००% हार्ट अटैक पर ले जाकर टिकाया है. जुगाड़ पर कितना दिन टिकेंगे, जल्दी ही बेलन से पिटेंगे. बहुत सुंदर रचना…………………..
तहे दिल आभार विजय जी आपका………….देखए आप ही ना ऐसा कुछ कर बैठे……………….
हास्य की भरपूर सामग्री….अति सुन्दर मनी !!
तहे दिल आभार निवातिया जी आपका इस सराहना के लिए
बेहतरीन मनिंदर…………………….
बहुत बहुत धन्यवाद शिशिर जी इस सराहना के लिए
बहुत अच्छे मणि जी .लोगो को प्रयोग करेने दीजिये जल्द ही पता चल जायेगा .
तहे दिल धन्यवाद किरण जी रचना पढ़ने के लिए ……….जी जरूर जो दो तीन दिन तक अपनी रचना पोस्ट नहीं कर सका समझ लीजिये…………..प्रयोग किया और परिणाम नेगेटिव था…….हाहाहाहा
एकदम सही कहा भाई आपने ǃ रही बात अपनी बीवी की तो कृप्या अपनी पत्नी से संभल कर बात करें क्योंकि आपकी बात को किसी भी तरह तोड़ा-मरोड़ा जा सकता है …. और कुछ का कुछ अर्थ निकाला जा सकता है… ǃ यकीन न हो तो एक पति-पत्नी के बीच हुए संवाद के निम्न अंश अवश्य पढ़ें ǃ
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पति : अजी सुनती हो ?
पत्नी : नहीं, मैं तो जन्म से ही बहरी हूँ ! बोलो ?
पति : मैंने ऐसा कब कहा ?
पत्नी : तो अब कह लो, पूरी कर लो एक साथ, कोई भी हसरत अगर अधूरी रह गयी हो …..
पति : अरी भाग्यवान !!
पत्नी : कान खोलकर सुनलो …. आइन्दा कभी भाग्यवान कहा तो मुझसे बुरा कोई न होगा ……. नसीब फूट गए हैं मेरे तुमसे शादी करके और कहते हो भाग्यवान हूँ !
पति : एक कप चाय मिलेगी ?
पत्नी : एक कप क्यों ? ….. लोटा भर मिलेगी …..ǃ और सुनो किसको सुना रहे हो ? मैं क्या तुम्हें चाय बना के नहीं देती ?
पति : अरे यार कभी तो सीधे मुह बात…
पत्नी : बस …. आगे मत बोलना, नहीं आता मुझे सीधे मुँह बात करना ….. मेरा तो मुँह ही टेढ़ा है, यही कहना चाहते हो ना ?
पति : हे भगवान !!
पत्नी : हाँ … माँग लो भगवान जी से एक कप चाय । मै चली नहाने….. और सुनो मुझे शैम्पू भी करना है …. देर लगेगी । बच्चों को स्कूल से ले आना । मेरे अकेले के नहीं हैं ।
पति : अरे ये सब क्या बोल रही हो ?
पत्नी : क्यों झूठ बोल दिया क्या ? मैं क्या दहेज़ में ले कर आयी थी इनको ?
पति : अरे मैं कहाँ कुछ बोल रहा हूँ ?
पत्नी : अरे मेरे भोले बाबा, तुम कहाँ बोलते हो ? मैं तो चुप थी । बोलना किसने शुरू किया ? बताओ …?
पति : अरे मैंने तो एक कप चाय मांगी थी ।
पत्नी : चाय मांगी थी या मुझे बहरी कहा था ? क्या मतलब था तुम्हारा ? “अजी सुनती हो ?” का क्या मतलब था ……. जरा बताओगे ?
पति : अरे श्रीमती जी । कभी तो मीठे से बोल लिया करो ।
पत्नी : अच्छा…?. मीठा नहीं बोली मैं कभी ? तो ये दो दो नमूने क्या पड़ोसी के हैं.. ? देख लिया है बहुत मीठा बोल कर । बस अब और मीठा बोलने कि हिम्मत नहीं है मेरी ….
पति : भूल रही हो मैडम ।
पत्नी : क्या भूल रही हूँ..?
पति : अरे मुझे बात तो पूरी करने दो। मैं कह रहा था कि पति हूँ तुम्हारा ।
पत्नी : अच्छा ….. मुझे नहीं पता था …… सूचना देने के लिए धन्यवाद ǃ
पति : अरे नहीं चाहिए मुझे तुम्हारी चाय । बक बक बंद करो ।
पत्नी : अरे वाह ! तुम्हे तो बोलना भी आ गया है ? बहुत अच्छे ǃ चलो, चाय पी के जाओ । बाद में नहा लूँगी ।
पति : गज़ब हो तुम भी । पहले तो बिना बात लड़ती हो फिर बोलती हो चाय पी के जाओ ।
पत्नी : तो क्या करूँ ? तुम लड़ने का मौका कहाँ देते हो ? लड़ने का मन करे तो क्या पड़ोस में लड़ने जाऊँ ?
पति : बनाओ जल्दी नहीं तो बच्चों को लाने में देर हो जायेगी ।
पत्नी : अभी लो जी, बस एक मिनट में ǃ
पति : चाय के साथ दो बिस्कुट भी ले आना
पत्नी : घर का सामान लाने की जरा भी फुर्सत है तुम्हें ǃ फ़रमाइशें ऐसी जैसे मेरे बाप की बेकरी हो …..
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(उस सफ़र का भगवान ही मालिक है जिसमें क्षण-भर में ही गाड़ी पटरी से दोबारा उतर जाए ǃ)
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जन कल्याण की भावना से आप भी कृपाकर अपने-2 अनमोल अनुभव प्रतिक्रिया में अवश्य लिखें ǃ अगर आप ऐसा कोई अनुभव हमें नहीं बताते तो इसका यही अर्थ होगा कि आप ….. या तो अविवाहित हैं …. या आपको अपने घर की बातें बाहर फैलाने की आज्ञा नहीं है …. या फिर आपके खानदान की सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र के खानदान से कोई पुश्तैनी दुश्मनी चली आ रही है ǃ
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पहले तो तहे दिल आभार आपका रचना पढ़ने के लिए,,,,,
मेरा पहला अनुभव है की पति-पत्नी की थोड़ी बहुत नोक झोक होनी चाहिए इससे दोनों का प्यार बना रहता है | शायद इस लिए भी एक दूसरे को खुद की कमिया पता चलती है और उसमे वो सुधार कर सकते है……………..
दूसरा अनभव मेरा यह है की वो गलत खर्चो को रोक कर थोड़े पैसो मैं भी घर खर्च चला सकती है, और आपकी हर तरह की संभव मदद करती है…………………
बहुत खूब मनी जी
आपने दुखती रग पे हाथ ….
हा हा हा ….
अरुण जी क्या समझू इसे मैं लगता है आप प्रयोग कर बैठे है ………हाहाहाहा…….तहे दिल आभार आपका
बहुत बढ़िया मनी जी , एकदम मस्त रचना ।
तहे दिल आभार राज कुमार जी आपका |
वाह..
आनन्दित हुई
thank you yashoda ji
हा हा हा हा !!
क्या बात है !!
मजा आ गया !!
तहे दिल आभार आनंद जी आप जैसे लेखक से सराहना मिलना मेरे लिए बहुत बड़ी बात है…………..आगे भी अपने सुझाव और सराहना करते रहे |