तिजारत बनाया है धर्म को अब इन्सानियत खत्म करके।.
कानुन को धर्मो के रखदिया है अपनी मिलकीयत बना करके।
ऱखवाले न रहे धर्म के मौजकर रहे है आज सब ठेकेदार बन करके।.
खुदी को संभलना पडेगा कल्युग मे न आयेंगे भगवान इन्सान बन करके।. (अशफाक खोपेकर)
writer / director of hindi marathi films member of f.w.a,m.c.a.i and i.f.t.d.a, chairman of dadasaheb phalke film foundation mumbai ,india.managing director of afreen channels [p].ltd, proprietor of afreen music.
5 Comments
mani30/07/2016
अशफाक जी बहुत सही कहा आपने इंसान को खुद ही सोचना पड़ेगा क्या सही है क्या गलत………..किसी भी धर्म को देख लो हर तरफ ठेकेदार है बैठे बैठे रोज को नया फरमान सुना देते है
अशफाक जी बहुत सही कहा आपने इंसान को खुद ही सोचना पड़ेगा क्या सही है क्या गलत………..किसी भी धर्म को देख लो हर तरफ ठेकेदार है बैठे बैठे रोज को नया फरमान सुना देते है
सत्य वचन ……………….!!
बहुत सत्य फरमाया आपने….खूबसूरत कटाक्ष….
सत्य फरमाया आपने….खूबसूरत कटाक्ष….धर्म का गलत इस्तेमाल करनेवालों पर रोक होनी चाहिए.
शानदार बात कही आपने