Homeसी. एम. शर्माबारिश की बूँदें…… बारिश की बूँदें…… C.M. Sharma सी. एम. शर्मा 29/07/2016 18 Comments बारिश की बूँदें…… पतों से गिर के….. यूं धूल में….. समा रही हैं…. जैसे मेरे अश्क़…. दामन से… टप-टप. गिर रहे हैं \ /सी.एम्. शर्मा (बब्बू) Tweet Pin It Related Posts दिल के बातें…दिल ही जानें…सी.एम्.शर्मा (बब्बू)… रिमझिम बारिश निकली मेरी आखों से…सी.एम्. शर्मा(बब्बू).. नाज़ुक बहुत हैं इश्क़ के धागे…सी.एम्. शर्मा (बब्बू)… About The Author CMS Not much to write about myself. just pen down what comes in mind. 18 Comments mani 29/07/2016 वाह सर……आज लगता है गम छुपाने का बहाना कोई काम नहीं आया, तभी आँखों से अश्क बह रहे है Reply babucm 29/07/2016 हा हा हा…….बहाना बनाना जानते ही नहीं…..आभार दिल से….. Reply विजय कुमार सिंह 29/07/2016 दामन के बूंदों को रोकिये………………..बारिश की तरह मत बहाइये………….बहुत सुंदर…………….. Reply babucm 29/07/2016 जी जो हुकुम……दिल से बहुत बहुत आभार………. Reply सुरेन्द्र नाथ सिंह कुशक्षत्रप 29/07/2016 बब्बू जी आपकी प्रतिक्रया पढता हूँ तो दिल बाग़ बस्ग हो जाता है पर जब आपकी रचना पढता हू तब लगता है की दिल में आपके कुछ और भी है, जिसका एक एक बूद एक एक एक नयी रचना को जन्म देता है। अच्छा है। करवा आगे बढ़ाते रहिये। एक दिन राज बाहर आएगा! Reply babucm 29/07/2016 सुरिंदरजी….हमारे मन जो आता लिख देते….आप कयास लगाते रहिये….बहुत बहुत आभार दिल से….. Reply अभिषेक शर्मा ""अभि"" 29/07/2016 बहुत ही सुन्दर क्या कहने Reply babucm 29/07/2016 अभिषेकजी…..दिल से शुक्रिया….धन्यवाद….आभार…… Reply Shishir "Madhukar" 29/07/2016 अश्कों को पूछने वाला हो तो ही चैन आएगा Reply babucm 29/07/2016 सही कहते हैं आप…….तहदिल आभार………. Reply Meena bhardwaj 29/07/2016 बहुत खूबसूरत रचना शर्मा जी . Reply babucm 30/07/2016 बहुत बहुत आभार आपका….. Reply निवातियाँ डी. के. 29/07/2016 बहुत गोलमाल की बात कर गए जनाब ………..समझ नही आया ……..आंसुओ की बारिश है …………..या बारिश के आंसू ………हाहाहा अति सुन्दर !! Reply babucm 30/07/2016 उस्ताद हो आप….आप को जो अच्छा लगे वही……हाहाहा …….तहदिल आभार….. Reply Kajalsoni 29/07/2016 ऑसुओ से टब भरने का इरादा तो नही आपका । बहुत खूब ****************************** Reply babucm 30/07/2016 काजलजी….फिलहाल तो नहीं…..हा हा हा…….बहुत बहुत आभार……. Reply sarvajit singh 29/07/2016 सारी दुनिया को हंसाने वाले को रोना भी आता है ————— भई वाह —————- लाजवाब शर्मा जी !! Reply babucm 30/07/2016 तहदिल आभार आपके प्यार का……. Reply Leave a Reply to अभिषेक शर्मा ""अभि"" Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.
वाह सर……आज लगता है गम छुपाने का बहाना कोई काम नहीं आया, तभी आँखों से अश्क बह रहे है
हा हा हा…….बहाना बनाना जानते ही नहीं…..आभार दिल से…..
दामन के बूंदों को रोकिये………………..बारिश की तरह मत बहाइये………….बहुत सुंदर……………..
जी जो हुकुम……दिल से बहुत बहुत आभार……….
बब्बू जी आपकी प्रतिक्रया पढता हूँ तो दिल बाग़ बस्ग हो जाता है पर जब आपकी रचना पढता हू तब लगता है की दिल में आपके कुछ और भी है, जिसका एक एक बूद एक एक एक नयी रचना को जन्म देता है। अच्छा है। करवा आगे बढ़ाते रहिये। एक दिन राज बाहर आएगा!
सुरिंदरजी….हमारे मन जो आता लिख देते….आप कयास लगाते रहिये….बहुत बहुत आभार दिल से…..
बहुत ही सुन्दर क्या कहने
अभिषेकजी…..दिल से शुक्रिया….धन्यवाद….आभार……
अश्कों को पूछने वाला हो तो ही चैन आएगा
सही कहते हैं आप…….तहदिल आभार……….
बहुत खूबसूरत रचना शर्मा जी .
बहुत बहुत आभार आपका…..
बहुत गोलमाल की बात कर गए जनाब ………..समझ नही आया ……..आंसुओ की बारिश है …………..या बारिश के आंसू ………हाहाहा अति सुन्दर !!
उस्ताद हो आप….आप को जो अच्छा लगे वही……हाहाहा …….तहदिल आभार…..
ऑसुओ से टब भरने का इरादा तो नही आपका ।
बहुत खूब ******************************
काजलजी….फिलहाल तो नहीं…..हा हा हा…….बहुत बहुत आभार…….
सारी दुनिया को हंसाने वाले को रोना भी आता है ————— भई वाह —————- लाजवाब शर्मा जी !!
तहदिल आभार आपके प्यार का…….