नेपाल एक ऐसा देश जो, विकास की तरफ अग्रसर हो रहा था, लेकिन कुदरत के कहर ने नेपाल देश को सदियों पीछे कर डाला। ” नेपाल त्रासदी ” पर समर्पित हमारी रचना।
हे खुदा ! तुने यह क्या कर डाला,
खुशहाल शहर को तुने क्यों बदल डाला।
लोगो ने नेपाल को विकास की झोली में डाला,
फिर तुने इसे क्यों एक सदी पीछे ठेल डाला।
ख़ुशी-ख़ुशी चल रही थी जँहा की जिंदगी,
फिर तुने क्यों दिखाई ऐसी दरिंदगी।
एक पल में ले डूबा तुने लाखों की जिंदगी,
अब लोग याद करेंगे तेरी आगो सी दरिंदगी।
क्या कसूर था उस नादान शहर का,
जो गवाह बना तेरे इस शैतान कहर का।
मुसीबत की इस घडी में जिसने पहुचाया है राहत,
क्या कहे उस महान देश को जिसका नाम है भारत।
युवा कवी ” सत्यम श्रीवास्तव ”
नैनी, इलाहाबाद।
भाई वाह ………..बधाइयां
धन्यवाद सर रामबली जी, आभार हु बस ऐसे ही राय दिया करिये मेरी उत्साह को बढ़ाने के लिए।
बहुत अच्छे………………………….
मेरी ऑखों से देखी हुई घटना को आपनें बखुबी दर्शाया,,,बहुत सुन्दर संकलन सत्यम जी
Bahut khoobsoorat…….
धन्यवाद सर विजय जी।
धन्यवाद सर वेद प्रकाश जी, में अब घटनाओ को अपनी कविता के माध्यम से साझात करना चाहता हु, में आभार हु आपका, बस आप अपनी विशेष् राय को देकर हमारे लेखन के उत्साह को बढाइये।
धन्यवाद सर सी.एम. जी, आभार हु।
बहुत बेहतरीन………….!
धन्यवाद सर सुरेन्द्र नाथ जी।